बीते 2 अप्रैल को चीन ने भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में 11 जगहों के नाम बदलकर अपने नाम दे दिए थे. भारत ने इसे ख़ारिज करते हुए अरुणाचल को अपना अभिन्न अंग बताया है. वहीं विपक्षी दलों ने इस विषय पर चुप रहने और संसद में किसी भी प्रश्न और बहस को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की है.
बीते एक जनवरी को एक सरकारी चीनी मीडिया के पत्रकार ने अपने वीडियो ट्वीट में दावा किया था कि गलवान घाटी में चीनी राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया है. लद्दाख में स्थित ये वही घाटी है, जहां जून 2020 में चीन और भारत के सैनिकों के बीच ख़ूनी संघर्ष हुआ था. वीडियो में कुछ चीनी सैनिकों को किसी पहाड़ी इलाके में अपना राष्ट्रीय ध्वज फ़हराते हुए दिखाया गया है. हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि ये गलवान
कांग्रेस ने अरुणाचल के स्थानों के नाम बदलने के चीन के क़दम पर प्रधानमंत्री की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाया
कांग्रेस ने मोदी सरकार को ‘कमज़ोर’ बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भारत की क्षेत्रीय अखंडता के लिए चीनी ख़तरों पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया है. चीन ने भारत के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश में 15 और स्थानों के लिए चीनी अक्षरों, तिब्बती और रोमन वर्णमाला के नामों की घोषणा की है. चीन अरुणाचल के दक्षिण तिब्बत होने का दावा करता है.
चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश में 15 और स्थानों के लिए चीनी अक्षरों, तिब्बती और रोमन वर्णमाला के नामों की घोषणा की है. चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है. भारत ने इसे ख़ारिज करते हुए कहा कि यह राज्य हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और हमेशा रहेगा, क्योंकि गढ़े गए नामों से यह तथ्य नहीं बदलेगा.