कर्नाटक: सिद्धारमैया सरकार ने एसबीआई और पीएनबी के साथ सभी लेनदेन तत्काल प्रभाव से बंद किए

कर्नाटक के वित्त विभाग का निर्देश भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक में जमा सरकारी धन के दुरुपयोग के कई आरोपों के मद्देनज़र सामने आया है, जहां राज्य के सभी सरकारी विभागों, उद्यमों आदि को इन दोनों संस्थानों में जमा सारी राशि निकालकर बैंक खातों को बंद करने को कहा गया है.

सरकार में आने पर चुनावी बॉन्ड योजना को फिर वापस लाएंगे: वित्त मंत्री सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक साक्षात्कार में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा ख़ारिज की गई चुनावी बॉन्ड योजना चुनावी चंदे में पारदर्शिता लेकर आई थी, इसमें कुछ सुधार की ज़रूरत है, सभी हितधारकों से परामर्श के बाद इसे किसी और रूप में वापस लाया जा सकता है.

केंद्र सरकार ने चुनावी बॉन्ड योजना के संचालन पर करदाताओं के 14 करोड़ रुपये ख़र्च किए: आरटीआई

सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी बताती है कि कुल 30 चरणों में हुई चुनावी बॉन्ड की बिक्री पर कमीशन के रूप में 12,04,59,043 रुपये का ख़र्च आया और बॉन्ड की छपाई की लागत 1,93,73,604 रुपये रही.

एसबीआई ने चुनाव आयोग को सौंपा चुनावी बॉन्ड का डेटा आरटीआई के तहत देने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीते माह भारतीय स्टेट बैंक ने चुनावी बॉन्ड से जुड़ा डेटा चुनाव आयोग को सौंपा था, लेकिन अब वही डेटा जब सूचना के अधिकार के तहत मांगा गया तो बैंक ने इसे आरटीआई अधिनियम के तहत छूट प्राप्ट जानकारी बताकर देने से इनकार कर दिया.

संयुक्त किसान मोर्चा ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में ‘चुनावी बॉन्ड घोटाले’ की जांच की मांग उठाई

एसकेएम ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सेवानिवृत्त अधिकारियों की एक विशेष जांच टीम द्वारा चुनावी बॉन्ड मामले की जांच की मांग करते हुए कहा कि केंद्र द्वारा लाए गए तीनों कृषि क़ानून, चारों लेबर कोड और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण जैसे फैसले कॉरपोरेट चंदादाताओं को खुश करने के लिए थे.

नरेंद्र मोदी का यह दावा ग़लत है कि चुनावी बॉन्ड से उन्होंने राजनीतिक फंडिंग के स्रोत उजागर किए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक चैनल को दिए साक्षात्कार में दावा किया है कि उनके द्वारा लाई गई चुनावी बॉन्ड योजना के कारण ही राजनीतिक चंदे के स्रोतों के नाम सामने आए हैं. हालांकि, हक़ीक़त यह है कि मोदी सरकार ने चंदादाताओं के नाम छिपाने के लिए हरसंभव कोशिश की थी.

कोर्ट के चुनावी बॉन्ड योजना रद्द करने से 3 दिन पहले सरकार ने 10,000 करोड़ के बॉन्ड छापने की मंज़ूरी दी

सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी से पता चलता है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 15 फरवरी को चुनावी बॉन्ड योजना पर रोक लगाए जाने के एक पखवाड़े बाद 28 फरवरी को वित्त मंत्रालय ने भारतीय स्टेट बैंक को बॉन्ड छपाई पर 'तुरंत रोक लगाने' के लिए कहा था.

चुनावी बॉन्ड: कोरोना में रही मंदी के बाद कांग्रेस को मिले चंदे में हुआ था इज़ाफ़ा 

कांग्रेस को सबसे ज़्यादा चंदा देने वालों में वेदांता (125 करोड़ रुपये), वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड (110 करोड़ रुपये) और एमके जालान समूह की कंपनियां (69.35 करोड़ रुपये) हैं.

चुनावी बॉन्ड: टीएमसी को सबसे अधिक चंदा फ्यूचर गेमिंग और संजीव गोयनका की कंपनियों ने दिया

चुनावी बॉन्ड के माध्यम से सबसे अधिक चंदा पाने वालों में भाजपा के बाद तृणमूल कांग्रेस का नंबर आता है. इसे कुल 1609.53 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जिसका एक तिहाई हिस्सा (542 करोड़ रुपये) लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज ने दिया.

चुनावी बॉन्ड के माध्यम से भाजपा को सबसे ज्यादा चंदा देने वाली कंपनियां कौन सी हैं?

चुनाव आयोग द्वारा अपनी वेबसाइट पर जारी किए गए नवीनतम डेटा के अनुसार, भाजपा ने 12 अप्रैल 2019 से 24 जनवरी 2024 के बीच कुल 6060.5 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड भुनाए.

चुनावी बॉन्ड: मोदी सरकार ने नियमों से छेड़छाड़ कर भाजपा को एक्सपायर बॉन्ड भुनाने की अनुमति दी

भारतीय स्टेट बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, 23 मई 2018 को कुछ चुनावी बॉन्ड धारक 20 करोड़ रुपये के बॉन्ड के साथ नई दिल्ली में बैंक की मुख्य शाखा पहुंचे थे. आधे बॉन्ड 3 मई 2018 और बाकी आधे 5 मई 2018 को खरीदे गए थे. दोनों ही तारीखों पर खरीदे गए बॉन्ड की उन्हें भुनाने की 15 दिन की अवधि समाप्त होने के बावजूद भुनाया गया.

डीएमके, एआईडीएमके को फ्यूचर गेमिंग और चेन्नई सुपर किंग्स समेत कई कंपनियों से मिला चंदा

डीएमके को फ्यूचर गेमिंग ग्रुप से कम से कम 504 करोड़ रुपये मिले हैं, वहीं इंडिया सीमेंट लिमिटेड के स्वामित्व वाली चेन्नई सुपर किंग्स क्रिकेट लिमिटेड, जिसकी सहयोगी कंपनी पर इस साल की शुरुआत में ईडी ने छापा मारा था, उसने एआईडीएमके को 2019 में पांच करोड़ रुपये का चंदा दिया है.

एसबीआई चुनिंदा जानकारी नहीं दे सकता, चुनावी बॉन्ड से जुड़े यूनिक कोड जारी करें: सुप्रीम कोर्ट

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि एसबीआई को अपने पास उपलब्ध सभी विवरण प्रस्तुत करना आवश्यक है. हम स्पष्ट करते हैं कि इसमें खरीदे गए चुनावी बॉन्ड की अल्फान्यूमेरिक संख्या और सीरियल नंबर, यदि कोई हो, शामिल होंगे.

चुनावी बॉन्ड: शीर्ष खरीदारों ने चार सालों तक अपने मुनाफ़े से छह गुना अधिक चंदा दिया

राजनीतिक दलों को सर्वाधिक चंदा देने वाली कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने 12 अप्रैल, 2019 से 24 जनवरी, 2024 के बीच अपने लाभ के छह गुना से अधिक चंदा दिया है. पार्टियों को चंदा देने में दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल का नाम भी शामिल है, जिसने घाटे के बावजूद चुनावी बॉन्ड खरीदे.

चुनावी बॉन्ड: छापों या जांच का सामना कर रही ज़्यादातर कंपनियां बॉन्ड की बड़ी खरीदार

भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा अपनी वेबसाइट पर अपलोड किए गए चुनावी बॉन्ड के डेटा के अनुसार, सबसे बड़े चंदादाताओं में शुमार फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज, मेघा इंजीनियरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, वेदांता और चेन्नई ग्रीनवुड्स ऐसी कंपनियां हैं जिनका कामकाज सवालों के घेरे में रहा है और वे जांच एजेंसियों के निशाने पर रही हैं.