जो हिंदुत्ववादी संगठन गो-रक्षा के नाम पर निर्दोष लोगों से मारपीट करने पहुंच जाते हैं कभी सरकार से यह नहीं पूछते कि गोशालाओं के निर्माण को लेकर उसकी क्या योजना है? क्यों गो-आश्रय स्थल के निर्माण हेतु ग्राम पंचायतों को धन नहीं दिया जा रहा? क्यों चारे और उचित रखरखाव के अभाव में पशु जान गंवा रहे हैं?
विधेयक में पशुपालकों के लिए मवेशी पालने हेतु लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य किया गया था और उनके पशुओं को आवारा घूमते पाए जाने पर जेल तक की सज़ा का प्रावधान किया गया था. विधेयक पारित किए जाने के बाद से मालधारी समुदाय आंदोलन कर रहा था.