दिल्ली से बिहार लौटे मजदूरों का किराया देने से बिहार सरकार ने क्यों इनकार कर दिया?

दिल्ली सरकार ने बिहार के 1200 प्रवासी मजदूरों की सूची बनाकर उनका किराया रेलवे को सौंप दिया और इसका पैसा सीधे बिहार सरकार से मांगा. हालांकि, बिहार सरकार ने दिल्ली सरकार द्वारा मांगे गए करीब 6.5 लाख रुपये को वापस करने से इनकार कर दिया है.

क्या समाज के लिए मज़दूर सीमेंट, ईंट और गारे की तरह संसाधन मात्र हैं?

मज़दूरों के हित निजी संपत्ति के मालिकों के हितों पर ही निर्भर हैं. सरकार सामाजिक व्यवस्था भी उन्हीं के लिए कायम करती है. अंत में यही कहा जाएगा कि उसने रेल भी मज़दूरों के हित में रद्द की हैं, उन्हें रोज़गार देने के लिए!

सरकार सुप्रीम कोर्ट को भी नहीं बता पाई कि वो 85% रेल किराया दे रही है या नहीं

केंद्र सरकार ने दावा किया है कि श्रमिक ट्रेनों के जरिये यात्रा करने वाले मजदूरों के किराये का 85 फीसदी खर्चा रेलवे उठा रहा है. हालांकि इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया है.

बिल्डरों-ठेकेदारों के साथ बैठक के बाद कर्नाटक सरकार ने प्रवासी मजदूरों के ट्रेनों को रद्द किया

मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के साथ बैठक में ये आशंका जताई गई कि यदि मजदूर वापस लौट जाएंगे तो राज्य का निर्माण कार्य प्रभावित होगा. इसके चलते राज्य सरकार ने मजदूरों को उनके गृह राज्य पहुंचाने वाली ट्रेनों को रद्द करने का फैसला लिया है.

बिहार: क्या रेल किराया देने को लेकर नीतीश कुमार मज़दूरों को गुमराह कर रहे हैं?

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार आने वाले लोग जब 21 दिन बाद क्वारंटीन सेंटर से निकलेंगे तो उन्हें राज्य सरकार की ओर से न्यूनतम 1000 रुपये दिए जाएंगे जिसमें रेल का किराया और प्रशासन की ओर से अतिरिक्त मदद शामिल होगी.

विभिन्न राज्यों में फंसे हुए लोग घर लौटने के लिए यहां पर कराएं रजिस्ट्रेशन‌

लॉकडाउन के कारण देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे दिहाड़ी मजदूरों और प्रवासियों के लिए ऑनलाइन पोर्टल शुरू किये गए हैं. अपने राज्य लौटने के इच्छुक लोग इस पर जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.

रेलवे ने जारी की गाइडलाइन, श्रमिक ट्रेनों से यात्रा करने वालों से किराया वसूलने को कहा

जहां से गाड़ी शुरू होगी वहां पर राज्य सरकार लोगों को फूड पैकेट्स और पानी मुहैया कराएगी. 12 घंटे से अधिक की यात्रा के लिए रेलवे ट्रेन में एक टाइम का भोजन प्रदान करेगा.

लॉकडाउन में फंसे प्रवासी लोगों की वापसी के लिए रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाईं

रेलवे ने शुक्रवार को छह श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की घोषणा की है. लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य लोगों की वापसी के लिए यह इंतज़ाम किया गया है.

कोरोना वायरस के कारण 191 देशों के 157 करोड़ छात्रों की शिक्षा प्रभावित: यूनेस्को

संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के अध्ययन में कहा गया है कि स्कूल बंद होने का सबसे अधिक असर वंचित तबके के छात्रों एवं लड़कियों पर ज़्यादा पड़ रहा है. भारत में 32 करोड़ छात्र-छात्राओं का पठन-पाठन प्रभावित हुआ है.

लॉकडाउन: वेतन में कटौती न करने, मज़दूरों और छात्रों से किराया न लेने का आदेश

गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी नियोक्ता, चाहे वह उद्योग में हों या दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में, लॉकडाउन की अवधि में अपने श्रमिकों के वेतन का भुगतान बिना किसी कटौती के करेंगे.

कोरोना लॉकडाउन: कर्मचारी भविष्य निधि से पैसा निकालने की अनुमति

कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ की वजह से लोगों को राहत देने के लिए श्रम मंत्रालय ने यह कदम उठाया है.

एनजीटी ने दिल्ली विश्वविद्यालय में 39 मंजिला इमारत के निर्माण पर रोक लगाई

यह प्रोजेक्ट क्षेत्र दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन द्वारा रक्षा मंत्रालय से अधिग्रहीत की गई 3.05 हेक्टेयर भूमि का हिस्सा था. मेट्रो स्टेशन एक हेक्टेयर भूमि पर बनाया गया था और बाकी एक कंपनी को दिया गया था, जो आवासीय फ्लैट बनाने की योजना बना रही है.

‘छात्रों के लिए हॉस्टल बनवाने के बजाय विश्वविद्यालय की ज़मीन को बिल्डरों को सौंपना ग़लत है’

दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में रक्षा मंत्रालय के स्वामित्व की ज़मीन पर एक निजी बिल्डर द्वारा उनतालीस मंज़िला इमारत का निर्माण शुरू होने के ख़िलाफ़ विश्वविद्यालय के शिक्षक और छात्र हड़ताल पर हैं. उनकी मांग है कि इस ज़मीन पर विश्वविद्यालय का हक़ है और यहां विद्यार्थियों के लिए हॉस्टल बनना चाहिए.

प्रधानमंत्री को पत्र लिखने वाले वर्धा विश्वविद्यालय के छह छात्रों का निष्कासन वापस लिया गया

महाराष्ट्र के वर्धा स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के छह छात्रों को बिना अनुमति सामूहिक धरने के आयोजन कर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में निष्कासित कर दिया गया था.

मॉब लिंचिंग पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखने वाले वर्धा विश्वविद्यालय के छह छात्र निष्काषित

महाराष्ट्र के वर्धा स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय ने कहा कि छात्रों ने सामूहिक धरने का आयोजन करके 2019 विधानसभा चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया और न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया.

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