‘इंडिया आफ्टर गांधी’ के तीसरे संस्करण के विमोचन के अवसर पर इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा कि उन्हें हैरानी है कि भाजपा साथ मिलकर काम करने वाले महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल को कैसे एक-दूसरे का प्रतिद्वंद्वी दर्शाने में कामयाब रही है.
स्वतंत्रता सेनानी सुभाषचंद्र बोस के पोते आशीष रे ने कहा कि 1995 में प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अवशेष लाने की एक कोशिश की थी , लेकिन वे काम पूरा नहीं कर पाए.