क़ानून के परिप्रेक्ष्य में मजबूरी के सामने बेबसी को सहमति नहीं माना जा सकता: केरल हाईकोर्ट

अदालत एक 26 वर्षीय युवक की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसने बलात्कार के मामले में दोषसिद्धि को चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने कहा कि केवल इसलिए कि पीड़िता आरोपी से प्रेम करती थी, यह नहीं माना जा सकता कि उसने शारीरिक संबंध के लिए सहमति दी थी.