अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में मीडिया कवरेज को लेकर दायर हुई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि जिस तरीके से प्रिंट मीडिया के लिए भारतीय प्रेस परिषद है, केंद्र सरकार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए इसी तरह की परिषद के बारे में क्यों नहीं सोचती है.
छत्तीसगढ़ के कोंडागांव ज़िले में 18 जुलाई को कथित तौर पर सात लोगों ने एक लड़की के साथ गैंगरेप किया था. अगले दिन उसने आत्महत्या कर ली थी. घटना के तीन महीने बाद पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ़्तार किया है. थाना प्रभारी को सस्पेंड कर उनके ख़िलाफ़ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में ‘मीडिया ट्रायल’ के ख़िलाफ़ जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यर टिप्पणी की. साथ इस मामले पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.
1973 बैच के 69 वर्षीय आईपीएस अधिकारी अश्वनी कुमार नगालैंड के राज्यपाल और हिमाचल प्रदेश पुलिस के पूर्व प्रमुख भी रहे थे. बुधवार को शिमला के पास उनके घर में उनका शव फंदे से लटकता मिला. पुलिस ने बताया कि उन्हें एक सुसाइड नोट मिला है जिस पर लिखा है कि वह एक नई यात्रा पर जा रहे हैं.
आत्महत्या और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर ज़ाहिर की जा रही चिंताओं के बीच एक आरटीआई के जवाब में पता चला है कि डब्ल्यूएचओ और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद देश के कुछ बड़े मेडिकल संस्थानों में आत्महत्या या इसके प्रयासों को रोकने की कोई महत्वपूर्ण रणनीति नहीं है.
घटना पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी ज़िले की है. इस संबंध में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है. आरोपियों पर बलात्कार और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है.
वीडियो: सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में ड्रग्स से जुड़े पहलू को लेकर रिया चक्रवर्ती से नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा पूछताछ की जा रही है. ब्यूरो जाते समय रिया के साथ हुए मीडिया के दुर्व्यवहार पर वरिष्ठ पत्रकार प्रभात शुंगलू से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2019 में कुल 139,123 लोगों ने आत्महत्या की है, जिसमें दिहाड़ी मज़दूरों की संख्या लगभग एक चौथाई यानी 32,563 है. इसके बाद गृहिणियों द्वारा आत्महत्या के सर्वाधिक मामले आए हैं. 2019 में 14,019 बेरोज़गारों ने आत्महत्या की थी, जो 2018 की तुलना में 8.37 प्रतिशत अधिक है.
साल 2018 के मुकाबले किसानों की आत्महत्या में मामूली गिरावट आई है, जबकि दिहाड़ी कामगारों की आत्महत्या में आठ फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
मध्य प्रदेश के सिवनी ज़िले के एक किसान ने अक्टूबर 2018 में फसल के दाम न मिलने के चलते आत्महत्या कर ली थी. इसके बाद प्रशासन ने उनके परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता राशि दिए जाने की घोषणा की थी, जिसे पाने के लिए उनका परिवार बीते दो सालों से संघर्ष कर रहा है.
मामला चिल्ला थाना क्षेत्र के पलरा गांव का है. चिल्ला थाना प्रभारी ने बताया कि मृतक सात बीघे की कृषि भूमि गिरवी रखी थी, लेकिन जिस व्यक्ति ने भूमि गिरवी रखी, उसने बदले में उन्हें को पैसा नहीं दिया. संभवतः इसी से परेशान होकर उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या की.
पहली घटना बांदा ज़िले के अलिहा गांव और दूसरी घटना चिल्ला थाना क्षेत्र के दिघवट की है. एक मज़दूर हरियाणा में ईंट पथाई का काम करते थे, जबकि दूसरे दिल्ली में मज़दूरी करते थे. लॉकडाउन के बाद दोनों अपने अपने घर लौट आए थे.
वाराणसी पुलिस ने बताया कि युवक को मानसिक बीमारी को लेकर 16 अगस्त को बीएचयू के आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया था और कोविड-19 संक्रमित होने का पता चला था.
दक्षिणी दिल्ली के हौज़ ख़ास इलाके में किराये के मकान में शुक्रवार की दोपहर को एम्स के 40 वर्षीय डॉक्टर का शव छत से लटका हुआ मिला. इससे पहले एक महीने के अंदर एम्स के दो डॉक्टरों ने कथित तौर पर संस्थान की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली थी.
पुलिस ने बताया कि बेंगलुरु के रहने वाले साल 2018 बैच के 22 वर्षीय एमबीबीएस छात्र विकास को अस्पताल के मनोरोग वार्ड में भर्ती कराया गया था. कुछ मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर उनका इलाज चल रहा था.