भोपाल गैस त्रासदी: 40 साल बाद भी पीड़ितों का मुआवज़े के लिए संघर्ष जारी

भोपाल गैस पीड़ितों के चार संगठनों ने उचित मुआवज़े की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की है. उनका कहना है कि गंभीर बीमारियों का शिकार हो चुके पीड़ित गैस कांड के चालीस साल बाद भी उचित मुआवज़े के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे हैं.

दिल्ली: वायु प्रदूषण से बिगड़े हालात के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर की सरकारों से जीआरएपी-4 को सख़्ती से लागू करने को कहा है. साथ ही यह जोड़ा है कि बिना अदालत की अनुमति के इसे नहीं हटाया जाएगा.

आरक्षण वर्गीकरण पर शीर्ष अदालत का निर्णय नए प्रश्नों को जन्म देता है

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने दलित-आदिवासी संस्कृति और परंपराओं पर प्रश्नचिह्न लगाया है, साथ ही यह महत्वपूर्ण प्रश्न भी प्रस्तुत कर दिया हैं कि आरक्षण के प्रावधान के बावजूद जो जातियां और वर्ग अब तक पिछड़े हैं, उनकी उन्नति का उत्तरदायित्व कौन लेगा?

आरक्षण पर अदालत का फैसला: कार्यकर्ताओं ने किया उप-वर्गीकरण का स्वागत, पर नेता विरोध में

एक ओर योगेंद्र यादव और बेला भाटिया का कहना है कि इससे आरक्षण का लाभ सर्वाधिक वंचित समुदाय तक पहुंच सकेगा, वहीं, कुछ नेता इसे 'फूट डालो राज करो' की संज्ञा देते हैं.

कोर्ट के फ़ैसले के बाद भी जारी है एक बार में तीन तलाक़, सामने आए पांच मामले

एक बार में तीन तलाक़ को कोर्ट द्वारा असंवैधानिक क़रार देने के बाद उत्तर प्रदेश से चार और मध्य प्रदेश से एक मामला सामने आया है.

जन गण मन की बात, एपिसोड 104: तीन तलाक़ और 2022 में अच्छे दिन का वादा

जन गण मन की बात की 104वीं कड़ी में विनोद दुआ तीन तलाक़ पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले और प्रधानमंत्री मोदी के वादों पर चर्चा कर रहे हैं.

तीन तलाक़ पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मोदी ने बताया ऐतिहासिक

कांग्रेस ने भी शीर्ष अदालत केे फैसले का स्वागत किया और कहा कि भेदभाव को दूर करने और महिलाओं का अधिकार बहाल करने की दिशा में यह निर्णय बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा.

तीन तलाक़ के अलावा इस्लाम में अलग होने के और भी तरीके हैं

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तीन तलाक़ को असंवैधानिक घोषित कर दिया है. इस्लाम में तीन तलाक़ केे अलावा संबंध विच्छेद के और भी तरीके प्रचलन में हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने एक बार में तीन तलाक़ की प्रथा को असंवैधानिक और ग़ैरक़ानूनी करार दिया

बहुमत के फैसले में कहा गया कि तीन तलाक सहित कोई भी प्रथा जो कुरान के सिद्धांतों के खिलाफ है, अस्वीकार्य है.