कैंपेन फॉर ज्युडिशियल एकाउंटेबिलिटी एंड रिफॉर्म्स ने एक बयान जारी कर कहा है कि यह बहुत निराशाजनक है कि अदालतों में ज़मानत के मामलों को बग़ैर फैसला सुनाए दो साल से अधिक समय तक लंबित रखा जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में दोषसिद्धि की दर कम होने पर संसद में प्रस्तुत आंकड़ों का हवाला देते हुए प्रवर्तन निदेशालय से कहा कि उन सभी मामलों को आपको अदालत में स्थापित करने की आवश्यकता है जहां आप संतुष्ट हैं कि प्रथम दृष्टया कोई मामला बनता है.
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एक जज ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित एक स्थगन आदेश की आलोचना करते हुए टिप्पणी की थी कि सर्वोच्च न्यायालय स्वयं को वास्तविकता से अधिक 'सर्वोच्च' मानता है, और उच्च न्यायालयों को वास्तविकता से कम 'उच्च' मानता है.
बीते साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपने फैसले में निर्देश दिया था कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए और निर्वाचन आयोग 30 सितंबर, 2024 तक वहां विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए.
दिल्ली के एक आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में सिविल सेवाओं की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह घटना आंखें खोलने वाली है और किसी भी संस्थान को तब तक संचालन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, जब तक कि वे सभी सुरक्षा मानदंडों का पालन नहीं करते.
दिल्ली नगर निगम में 250 निर्वाचित और 10 नामांकित सदस्य होते हैं. शीर्ष अदालत ने पिछले साल इसी मामले में सुनवाई के दौरान कहा था कि उपराज्यपाल को 'एल्डरमैन' को नामित करने की शक्ति देने का मतलब होगा कि वह एक निर्वाचित नागरिक निकाय को अस्थिर कर सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने दलित-आदिवासी संस्कृति और परंपराओं पर प्रश्नचिह्न लगाया है, साथ ही यह महत्वपूर्ण प्रश्न भी प्रस्तुत कर दिया हैं कि आरक्षण के प्रावधान के बावजूद जो जातियां और वर्ग अब तक पिछड़े हैं, उनकी उन्नति का उत्तरदायित्व कौन लेगा?
सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बीवी नागरत्ना ने एक कार्यक्रम में कहा कि दुर्भाग्य से आज भारत में कुछ राज्यपाल ऐसी भूमिका निभा रहे हैं, जो उन्हें नहीं निभानी चाहिए. उन्हें जहां सक्रिय होना चाहिए, वहां निष्क्रिय नजर आते हैं. सुप्रीम कोर्ट में उनके विरुद्ध दर्ज मामले उनकी संवैधानिक स्थिति की दुखद कहानी कहते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों अपने एक फैसले में कहा है कि किन्हीं समुदायों के अधिक पिछड़े लोगों को अलग कोटा देने के उद्देश्य से अनुसूचित जातियों और जनजातियों का उप-वर्गीकरण किया जा सकता है.
एक ओर योगेंद्र यादव और बेला भाटिया का कहना है कि इससे आरक्षण का लाभ सर्वाधिक वंचित समुदाय तक पहुंच सकेगा, वहीं, कुछ नेता इसे 'फूट डालो राज करो' की संज्ञा देते हैं.
योग गुरु और कारोबारी रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को इस सप्ताह देश की तीन अलग-अलग अदालतों से झटका लगा है. हालांकि, उनके लिए यह कुछ नया नहीं है. जैसे-जैसे उनका व्यापारिक साम्राज्य बढ़ा है, आए दिन उनसे जुड़े विवाद सामने आते रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी परीक्षा में अनियमिताओं को लेकर एनटीए की आलोचना करते हुए उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्र बदलने, दोबारा नए रजिस्ट्रेशन करने और ग्रेस अंक दिए जाने के फैसले पर सवाल उठाए हैं.
पंजाब अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग (सेवाओं में आरक्षण) अधिनियम, 2006 संबंधी एक मामले में निर्णय देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किन्हीं समुदायों के अधिक पिछड़े लोगों को अलग कोटा देने के उद्देश्य से अनुसूचित जातियों का उप-वर्गीकरण किया जा सकता है.
बिहार सरकार द्वारा पिछले साल जाति जनगणना के बाद संशोधित आरक्षण अधिनियम के तहत अनुसूचित जाति/जनजाति, ईबीसी और ओबीसी वर्गों के लिए आरक्षण सीमा 50%से बढ़ाकर 65% की गई थी. हाईकोर्ट ने इसे रद्द करते हुए इसे संविधान में दिए समानता के अधिकार का उल्लंघन बताया था.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में रोजाना 3,000 टन से अधिक कचरे का निपटान नहीं हो पा रहा है. इससे लोगों के स्वास्थ्य पर खराब असर पड़ सकता है और सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति खड़ी हो सकती है.