असम के मटिया में डिटेंशन सेंटर में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में असम राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा रिपोर्ट पेश की गई थी, जिसकी 'दयनीय स्थिति' पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बहुत दुखद स्थिति है. यहां पानी की आपूर्ति नहीं है, शौचालय नहीं हैं, चिकित्सा सुविधाएं नहीं हैं.
कांवड़ यात्रा मार्ग पर भोजनालयों को अपने मालिकों और कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश का समर्थन करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने अदालत से कहा कि कांवड़िए सख़्त शाकाहारी, सात्विक आहार का पालन करते हैं. प्याज, लहसुन और सभी अन्य तामसिक खाद्य पदार्थों से परहेज करते हैं. सात्विक भोजन में भोजन तैयार करने का तरीका भी शामिल होता है.
किसान संगठनों द्वारा फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की क़ानूनी गारंटी समेत कई मांगों को लेकर पंजाब-हरियाणा सीमा स्थित शंभू बॉर्डर पर 6 महीनों से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों और सरकार के बीच विश्वास की कमी है, सरकार को उन तक पहुंचने के लिए कदम उठाने चाहिए.
उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की ज़मीन पर बसे लगभग 50,000 लोगों को बेदख़ल करने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले पर 5 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी. रेलवे ने सर्वोच्च न्यायालय से अपने उक्त आदेश में संशोधन करने की मांग की है.
आईआईटी, दिल्ली की समिति के नीट के विवादित सवाल के केवल एक विकल्प को सही बताने के बाद पूर्णांक (720/720) पाने वाले 61 में से 44 छात्रों को भी चार अंकों का नुकसान होगा, जिसके बाद ऑल इंडिया रैंक-1 साझा करने वाले छात्रों की संख्या केवल 17 रह जाएगी.
नीट-यूजी 2024 को रद्द करने की मांग को ख़ारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस बात के पुख़्ता सबूत नहीं हैं जो यह साबित कर सकें कि परीक्षा के प्रश्नपत्र योजनाबद्ध तरीके से लीक हुए थे.
मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा आरोपी को मिली ज़मानत पर दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा रोक लगा दी गई थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्णय को पलटते हुए कहा कि अदालतों को ज़मानत आदेशों पर केवल असाधारण परिस्थिति में ही रोक लगानी चाहिए.
पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा पर उन चार किसानों की हत्या का आरोप है, जो 2021 में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में विरोध प्रदर्शन के लिए जमा हुए थे. आरोप है कि आशीष मिश्रा से संबंधित और कथित तौर पर उनके द्वारा चलाए जा रहे एक वाहन ने प्रदर्शनकारी किसानों सहित अन्य को कुचल दिया था.
नीट-यूजी 2024 में भौतिकी के एक विवादित प्रश्न की समीक्षा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (22 जुलाई) को आईआईटी, दिल्ली के निदेशक को एक तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्देश दिया था. उक्त प्रश्न के कई सही उत्तर होने के चलते एनटीए ने छात्रों को ग्रेस अंक दिए थे.
उत्तर प्रदेश की मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस ने ऐसे आदेश जारी किए थे कि कांवड़ यात्रा के मार्ग पर स्थित खान-पान की सामग्री बेचने वाले सभी दुकानदारों को अपने-अपने प्रतिष्ठानों पर अपना और अपने कर्मचारियों के नामों का उल्लेख करना होगा. इसके कुछ दिन बाद ही उत्तराखंड की हरिद्वार पुलिस ने भी समान आदेश जारी कर दिए थे.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने 2024 की राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) में शामिल हुए सभी अभ्यर्थियों के अंक जारी कर दिए हैं. लगभग 81,000 अभ्यर्थियों को 600 या उससे अधिक अंक मिले हैं, जबकि 2023 में यह संख्या 29,351 थी.
सुप्रीम कोर्ट में कॉमन कॉज़ और सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि केंद्रीय जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में आने वाली कई कंपनियों ने सत्तारूढ़ दल को चुनावी बॉन्ड के माध्यम से बड़ी रकम चंदे में दी, जिसका उद्देश्य उनके ख़िलाफ़ जारी जांच के नतीजों को प्रभावित करना था. याचिका पर 22 जुलाई को सुनवाई होगी.
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) में अनियमितताओं से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को निर्देश दिया है कि वह हर परीक्षा केंद्र और शहर के हिसाब से सभी अभ्यर्थियों के अंक जारी करे.
इस साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत लगभग 8 करोड़ प्रवासी श्रमिकों को दो महीने के भीतर राशन कार्ड जारी करने का आदेश दिया था. शीर्ष अदालत ने देरी पर नाराज़गी जताते हुए पूछा कि आखिर चार महीनों में सत्यापन की प्रक्रिया को पूरा क्यों नहीं किया जा सका?
दिसंबर 2021 में मोन ज़िले के ओटिंग और तिरु गांवों के बीच सेना की गोलीबारी में 14 नागरिकों की मौत हो गई थी, जिसकी जांच के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया था. पुलिस ने 30 सैन्यकर्मियों के ख़िलाफ़ आरोप पत्र दायर किया था. केंद्र सरकार ने 2023 में आरोपी सैन्यकर्मियों पर मुक़दमा चलाने की मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया था.