गोरक्षा के नाम पर देश भर में मुस्लिमों के साथ हिंसा की घटनाएं नई नहीं हैं. हाल के समय में बढ़ी लिंचिंग की घटनाओं और उनकी रिपोर्टिंग के पीछे ज़रूरी तौर पर भारतीय समाज में आया कोई बुनियादी बदलाव नहीं, बल्कि कुछ हद तक इसके लिए इंटरनेट के विस्तार की भूमिका है.
बच्चा चोर किसी ने नहीं देखा, न किसी का बच्चा चोरी हुआ. फिर भी महिलाओं-बच्चों को घरों में बंद कर रात भर पहरा देते हैं हथियारबंद ग्रामीण.