कैराना सीट: भाजपा उम्मीदवार को अपनी ही पार्टी की वजह से हार का ख़तरा है

कैराना उत्तर प्रदेश की उन तीन सीटों में शामिल है, जहां 2018 के उपचुनाव में भाजपा हार गई थी. भाजपा ने इस सीट से इस बार गुर्जर नेता हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह का टिकट काटकर प्रदीप चौधरी को टिकट दिया है. वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग बता रहे हैं प्रदीप चौधरी को उनकी ही पार्टी से ख़तरा है.

अब चुनाव में हिंदू-मुस्लिम नहीं होने देंगे, भाजपा के प्रयासों को विफल करेंगे: जयंत चौधरी

राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि उपचुनाव के नतीजों ने लोगों को एक संभावित विकल्प दिखाया है. लोगों को लगता था कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की ‘चाणक्य नीति’ का सामना कोई नहीं कर सकता है.

कैराना सांसद तबस्सुम हसन को लेकर सोशल मीडिया पर किए जा रहे फ़र्ज़ी पोस्ट की जांच के आदेश

पुलिस में दर्ज कराई शिकायत में सांसद ने कहा है कि ऐसे पोस्ट वॉट्सऐप और अन्य दूसरे माध्यमों से सामाजिक सौहार्द्रता और भाईचारे को नुकसान पहुंचाने के लिए फैलाए जा रहे हैं.

क्या 2019 में विपक्ष एकजुट होकर मोदी को रोक पाएगा?

आम तौर पर उपचुनाव या स्थानीय चुनाव परिणाम को प्रधानमंत्री से जोड़कर नहीं देखा जाता, लेकिन जब प्रधानमंत्री हर छोटे-बड़े चुनाव में पार्टी का स्टार प्रचारक बन जाएं तो ऐसे में हार को उनकी छवि और गिरती साख से अलग कर पाना मुश्किल हो जाता है.

भाजपा को ईवीएम में गड़बड़ी का नुकसान उपचुनाव में उठाना पड़ा: देवेंद्र फड़णवीस

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने भंडारा-गोंदिया उपचुनाव में मिली हार पर कहा कि यदि चुनाव मानसून में होता तो भाजपा ज़रूर जीतती. उधर, एक भाजपा विधायक ने उत्तर प्रदेश में मिली हार के लिए योगी सरकार, उनके मंत्रियों और नौकरशाही को ज़िम्मेदार ठहराया है.

कैराना उपचुनाव: क्या विपक्षी एकता ‘पूरब’ में मिली सफलता को ‘पश्चिम’ में दोहरा पाएगी?

उत्तर प्रदेश में कैराना सीट पर लोकसभा उपचुनाव के लिए आज मतदान हो रहा है. यहां मुख्य मुक़ाबला भाजपा और राष्ट्रीय लोक दल के ​बीच है. राष्ट्रीय लोक दल को सपा, बसपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और कई छोटे दलों का समर्थन प्राप्त है.