इस साल जून में पुलिस हिरासत में हुई जयराज और उनके बेटे बेनिक्स की मौत के मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें कहा गया है कि उन्हें इतनी बुरी तरह से पीटा गया था कि उनका ख़ून दीवारों पर फैल गया था. इसके बाद पुलिस ने उन्हें उनके ही कपड़ों से ख़ून पोंछने के लिए मजबूर किया.
तुथुकुडी ज़िले में कथित तौर पर हिरासत में हुई पिता-पुत्र की मौत की जांच कर रही न्यायिक टीम की शिकायत पर मद्रास हाईकोर्ट ने तीन पुलिसकर्मियों पर अवमानना की कार्रवाई शुरू की है. साथ ही सथनकुलम पुलिस स्टेशन का नियंत्रण राजस्व अधिकारियों को सौंपने का आदेश दिया है.
यूं तो भारतीय पुलिस द्वारा रोज़ाना सैंकड़ों लोगों को प्रताड़ित करने की बात कही जाती है लेकिन गरीब, पिछड़े, और अल्पसंख्यक उनके विशेष निशाने पर होते हैं. एक पूर्व पुलिस महानिदेशक द्वारा सभ्य जनतांत्रिक समाज के इस बदनुमा दाग़ का विस्तृत विश्लेषण.
तुथुकुडी जिला जज की न्यायिक रिपोर्ट में पाया गया कि पिता-पुत्र जयराज और बेनिक्स की हत्या के आरोपी अधिकारियों द्वारा कुछ समय पहले सथनकुलम पुलिस स्टेशन में एक नाबालिग सहित आठ लोगों को प्रताड़ित किया गया था.
19 जून को तुथुकुडी में लॉकडाउन के दौरान तय समय के बाद दुकान खोलने पर पिता और पुत्र को गिरफ़्तार किया गया था, इसके चार दिन बाद अस्पताल में दोनों की मौत हो गई थी. परिजनों ने हिरासत में बर्बरता और यौन प्रताड़ना होने के आरोप लगाए हैं.