वीडियो: भारत की स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था पर द वायर ने नई श्रृंखला शुरू की है. पहले एपिसोड में भारत में किन बीमारियों का बोझ सर्वाधिक है और उनसे कैसे निपटा जा सकता है, इस बारे में एम्स, दिल्ली के डॉ. आनंद कृष्णन और द वायर की हेल्थ रिपोर्टर बनजोत कौर से बात कर रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
एक मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट में सूरत के एक केंद्रीय कारागार में कई क़ैदियों को टीबी होने की जानकारी सामने आने के बाद एनएचआरसी के एक दल ने जेल का दौरा किया था. बताया गया था कि जेल में उचित चिकित्सा के अभाव में 21 साल के एक विचाराधीन क़ैदी की 15 जुलाई 2020 को टीबी से मौत हो गई थी. अप्रैल 2019 में जेल में आने के वक़्त यह व्यक्ति स्वस्थ था.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीबी रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में टीबी के 30 लाख मामले राष्ट्रीय टीबी कार्यक्रम में दर्ज नहीं हो पाते हैं. भारत में 2018 में टीबी के करीब 26.9 लाख मामले सामने आए और 21.5 लाख मामले भारत सरकार के राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत दर्ज किए गए यानी 5,40,000 मामले इसमें दर्ज नहीं हुए.
गैर सरकारी संगठन ‘प्रजा फाउंडेशन’ की रिपोर्ट, बीएमसी ने किया खंडन.