असम के हैलाकांडी ज़िले का मामला. स्थानीय पंचायत के प्रमुख राधेश्याम कुर्मी ने आरोप लगाया कि चाय बागान के अधिकारियों ने 14 दिसंबर की रात चुपके से तालाबंदी का नोटिस लगा दिया और चाय बागान परिसर छोड़कर चले गए. अगले दिन कामगारों को भुगतान किया जाना था, लेकिन अधिकारियों के इस तरह भागने से लोग भड़क गए हैं.
घटना रविवार शाम को जोरहाट ज़िले में हुई. पुलिस ने बताया कि नौ युवक किसी जन्मदिन पार्टी से नशे में लौट रहे थे, जब एक की बाइक चाय बागानों से आ रही महिलाओं से टकराई और वे गंभीर रूप से घायल हो गईं. इसके बाद उनके साथी मज़दूरों ने दो युवकों को पकड़कर पीटा, जिनमें से एक की मौत हो गई.
असम संग्रामी चाह श्रमिक संघ की ओर से दाख़िल याचिका में कहा गया है कि राज्य में 803 चाय बागान हैं, जिनमें करीब 10 लाख श्रमिक काम करते हैं. अनेक चाय बागानों के श्रमिकों को लॉकडाउन की अवधि का पारिश्रमिक नहीं दिया गया है.