गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने राज्यसभा में कहा कि आतंकवादी संगठन कट्टरपंथ को फैलाने के लिए विभिन्न मंचों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
एनआईए ने फोटो पत्रकार कामरान यूसुफ़ की गिरफ़्तारी के पक्ष में दलील दी थी कि एक पत्रकार की ज़िम्मेदारी होती है कि वह सरकारी विभागों के विकास कार्यों, स्कूल और अस्पताल के उद्घाटन या सत्तारूढ़ दल के बयान को कवरेज दे.
रविवार रात हुई गोलीबारी में दो आतंकियों के समेत चार लोगों की मौत हो गई थी. सेना का कहना है कि बाकी के चार मृतकों के संबंध आतंकियों से थे जबकि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि नागरिकों की मौत से दुखी हूं.
राज्य के गृह विभाग को सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक, जेल परिसर में करीब 300 मोबाइल फोनों का संचालन हो रहा है. रिपोर्ट को समय-समय पर गृह विभाग भेजा गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
कश्मीर के फोटो पत्रकार कामरान यूसुफ़ की गिरफ़्तारी को जायज़ ठहराते हुए एनआईए ने अदालत में उन्हें पत्रकार मानने से इनकार किया है.
कश्मीर के हालात अब न सैनिकों के लिए अच्छे रह गए हैं, न वहां की जनता के लिए. दोनों के मन में एक-दूसरे के प्रति संदेह का पहाड़ खड़ाकर कर दिया गया है जो रास्ता छोड़ने को तैयार नहीं.
अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की सहायता राशि रोकी.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दावा किया था कि कश्मीर में पत्थरबाज़ी की घटनाओं में कमी आई है लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2017 में हथियार उठाने वाले कश्मीरी नौजवानों की तादाद पिछले आठ साल में सबसे ज़्यादा हो गई है.
कांग्रेस ने मोदी सरकार के आंकड़ों के जरिये बताया कि सरकार के दावे खोखले, नोटबंदी के बाद नक्सली हमलों में हुई बढ़ोत्तरी.
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री ने कहा, बहस में कश्मीरियों को गालियां दी जाती हैं. इससे कश्मीरी बाक़ी देश से कटने लगे हैं और देश के लोग कश्मीर के ख़िलाफ़ हो रहे हैं.
पाकिस्तान सिर्फ़ एक स्टेट नहीं है; वहां लोग बसते हैं. नाकाबिल, संकीर्ण और फ़िरक़ापरस्त सरपरस्तों के ख़िलाफ़ वहां लोग बोलते हैं, जेल जाते हैं, जान देते हैं. वहां भी समाज है, नागरिक अधिकारों के लिए लड़ रहे जुझारू युवक हैं, अच्छे दिनों की आस में बड़े हो रहे बच्चे है, लेखक और कलाकार हैं.
गृह मंत्री ने कहा कि वे कश्मीर समस्या सुलझाने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति से मिलने को तैयार हैं.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, जम्मू कश्मीर में एनआईए ने जिस तरह की भूमिका निभाई है, उससे वहां होने वाली पत्थरबाज़ी की घटनाओं में भारी कमी आई.
कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि 27 साल बाद उन मामलों के सबूत इकट्ठा करना मुश्किल होगा, जिनकी वजह से कश्मीरी पंडितों को पलायन करना पड़ा था.
एक अलग भारत और उसके केंद्रीय मूल्यों को याद कराने के लिए फिल्म अमर अकबर एंथनी बुरा विचार नहीं है. यह आज के नौजवानों को यह बतलाएगा कि भारत हमेशा से वैसा नहीं था, जैसा कि आज है.