केंद्र सरकार द्वारा गैरक़ानूनी गतिविधियां रोकथाम क़ानून (यूएपीए) 1967 में संशोधन को मंज़ूरी दिए जाने के करीब एक महीने बाद ये निर्णय लिए गए हैं. नया क़ानून केंद्र सरकार को यह शक्ति देता है कि वह किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित की सकती है, अगर वह आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देता है या उसमें शामिल होता है या उसको बढ़ावा देता है.