कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: अरुणा रॉय अथक स्वप्नदर्शी कर्मशील हैं. उन्होंने मौलिक नवाचार किया है पर वे जड़ों पर भी जमी रही हैं. उनके संस्मरण में ‘मैं’ बहुत सहजता से ‘हम’ में बदलता रहता है.
इस देश के गांवों में बसने वाले लोगों को साथ लेकर बदलाव की मुहिम शुरू करना और एक बदलाव को सामने ला देना एक बड़ी बात है. अरुणा रॉय ने यह कर दिखाया है.