रेल सुरक्षा के लिए 1.1 लाख करोड़ की ज़रूरत, मोदी सरकार ने महज पांच फ़ीसद आवंटित किया

बुलेट ट्रेन को कांग्रेस ने बताया चुनावी परियोजना, कहा- यूपीए की परियोजना को तीन साल बाद गुजरात चुनाव से पहले लाई है मोदी सरकार.

मैं तुम्हारी भाषा से प्यार करता हूं

हिंदी दिवस पर विशेष: हम अपनी भाषा की महानता की गाथा में दूसरी भाषाओं के प्रति एक स्पर्धाभाव ले आते हैं. यह ठीक बात नही है. इससे किसी भी भाषा को आगे बढ़ने और दूसरे भाषायी-सांस्कृतिक स्थलों पर फूलने-फलने की संभावना न्यूनतम हो जाती है.

अंतरराष्ट्रीय क़ीमतों में 55 प्रतिशत कमी, फिर भी पेट्रोल-डीजल के दाम क्यों बढ़ रहे हैं?

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि तेल कंपनियां पेट्रोल-डीज़ल के दाम तय करने के लिए आज़ाद हैं.

निजता के अधिकार के लिए गंभीर खतरा है आधार

निजता को मौलिक अधिकार मानने के सिद्धांत पर आधारित होने की बजाय आधार वास्तव में इसके विरोध में खड़ा है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले की रौशनी में आधार पर फिर से विचार किए जाने की ज़रूरत है.

जन गण मन की बात, एपिसोड 117: मोदी की टीम और गृहमंत्री का कश्मीर दौरा

जन गण मन की बात की 117वीं कड़ी में विनोद दुआ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टीम और गृहमंत्री राजनाथ सिंह के कश्मीर दौरे पर चर्चा कर रहे हैं.

पर्यावरण बचाने की राह में आस्था का रोड़ा

आस्था की स्वतंत्रता की गारंटी देते वक़्त कभी संविधान निर्माताओं ने यह नहीं सोचा होगा कि लोगों की निजी आस्था पर अमल पर्यावरण को कितना बड़ा ख़ामियाज़ा भुगतने के लिए मजबूर कर सकता है.

जन गण मन की बात, एपिसोड 116: राहुल गांधी और किसानों की क़र्ज़ माफ़ी

जन गण मन की बात की 116वीं कड़ी में विनोद दुआ अमेरिका में दिए गए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के भाषण और यूपी में किसानों की कर्ज़ माफी पर चर्चा कर रहे हैं.

नरोदा गाम दंगा मामले में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को बतौर गवाह समन किया

साल 2002 के नरोदा गाम दंगा मामले में मुख्य आरोपी माया कोडनानी ने अदालत से अमित शाह को अपने गवाह के तौर पर बुलाने की अपील की थी.

कश्मीर में राजनाथ ने कहा- जिन युवाओं ने गलतियां की हों, उनसे अपराधियों जैसा व्यवहार न किया जाए

गृह मंत्री ने कहा कि वे कश्मीर समस्या सुलझाने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति से मिलने को तैयार हैं.

मीडिया बोल, एपिसोड 14: पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या और सियासत

मीडिया बोल की उर्मिलेश, वरिष्ठ पत्रकार अक्षय मुकुल और पत्रकार नेहा दीक्षित के साथ गौरी लंकेश की हत्या पर सियासत और उसके मीडिया कवरेज पर चर्चा कर रहे हैं.

हत्यारों की भीड़ इस देश की नुमाइंदगी नहीं करती

अंग्रेज़ी प्रभावशाली भाषा है, मगर इसकी पहुंच सीमित है. क्षेत्रीय भाषाओं के पत्रकार असली असर पैदा कर सकते हैं. छोटे शहरों के ऐसे कई साहसी पत्रकार हैं, जिन्होंने अपने साहस की क़ीमत अपनी जान देकर चुकाई है.