दलितों और पिछड़ों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार कर, उन पर ‘माओवादी’ का लेबल लगाकर सरकार दलित महत्वकांक्षाओं का अपमान करती है, साथ ही दूसरी ओर दलित मुद्दों के प्रति संवेदनशील दिखने का स्वांग भी रचती है.
जन गण मन की बात की 298वीं कड़ी में विनोद दुआ नोटबंदी पर आई हालिया रिपोर्ट पर नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर चर्चा कर रहे हैं.
एसएससी के अधिकारियों पर विभिन्न आरोप लगाती सीबीआई रिपोर्ट के आधार पर शीर्ष अदालत ने एसएससी सीजीएल 2017 और सीएचएसएल 2017 परीक्षाओं के नतीजे घोषित करने पर रोक लगा दी है.
बोधगया के प्रज्ञा ज्योति बुद्धिस्ट नोविस स्कूल एंड मेडिटेशन सेंटर में पढ़ने के लिए असम से आए थे बच्चे. पीड़ितों की उम्र 6 से 13 साल के बीच. मेडिकल जांच में कुछ बच्चों के शरीर पर घाव और अंदरूनी अंगों के साथ छेड़छाड़ के निशान पाए गए.
21 अप्रैल 2010 को हरियाणा के हिसार ज़िले के मिर्चपुर गांव में जाट समुदाय के लोगों ने दलितों के दर्जनों घरों में आग लगा दी थी और दो लोगों को ज़िंदा जला दिया था. हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने 33 लोगों को दोषी ठहराया और 12 लोगों को उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई है.
संविधान में 1954 में राष्ट्रपति के आदेश पर अनुच्छेद 35-ए शामिल किया गया था. यह अनुच्छेद जम्मू कश्मीर के नागरिकों को विशेष अधिकार और सुविधायें प्रदान करता है.
आयोग ने कहा कि देशभक्ति का कोई एक पैमाना नहीं है. लोगों को अपने तरीके से देश के प्रति स्नेह प्रकट करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए.
कांग्रेस अध्यक्ष ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री ने 15-20 पूंजीपतियों के लिए नोटबंदी की थी. यह ग़लती नहीं बल्कि छोटे उद्योगों और छोटे व्यापारियों पर हमला था.
जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा सरकार नेताओं के खिलाफ दायर मामलों का हल निकालने के लिए तैयार नहीं दिख रही है. जबकि कोर्ट को आदेश पारित करने के लिए बाध्य किया जा रहा है.
रुपये के भाव में लगातार गिरावट से निर्यातक वैश्विक बाजारों में अपने माल का सही मोल-भाव नहीं कर पा रहे हैं जिससे उन्हें अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है.
सरकार का कहना था कि बंद किए गए नोटों में से लगभग 3 लाख करोड़ मूल्य के नोट बैंकों में वापस नहीं आएंगे और यह काले धन पर कड़ा प्रहार होगा, लेकिन रिज़र्व बैंक मुताबिक अब नोटबंदी के बाद जमा हुए नोटों का प्रतिशत 99 के पार पहुंच गया है. यानी या तो इन नोटों में कोई काला धन था ही नहीं या उसके होने के बावजूद सरकार उसे निकालने में विफल रही.
जन गण मन की बात की 297वीं कड़ी में विनोद दुआ रिज़र्व बैंक द्वारा नोटबंदी पर दी गई वार्षिक रिपोर्ट पर चर्चा कर रहे हैं.
रोजगार नहीं है. उत्पादन घट गया है. किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नसीब नहीं हो रहा है. हेल्थ सर्विस चौपट हो चली है. शिक्षा-व्यवस्था डांवाडोल है. मुस्लिम ख़ामोश हो गया है. दलित चुपचाप है लेकिन आवाज़ नहीं उठनी चाहिए क्योंकि देश में क़ानून अपना काम कर रहा है.
हम देश के एक छोटे से क़स्बे में पले-बढ़े लेकिन उस दौर में लोगों का दिलो-दिमाग राजनीति ने इतना छोटा नहीं था, जबकि देश का विभाजन हुए बहुत अरसा भी नहीं बीता था. नफ़रत की ऐसी आग नहीं लगी हुई थी, जैसी आज लगी है.
रिजर्व बैंक के दावे के उलट एसबीआई के अर्थशास्त्रियों का कहना है कि 2000 और 500 के नए नोट आने के बावजूद नकली नोटों में इजाफा हो सकता है.