स्वच्छता अभियान: सरकार को नहीं पता सीवर सफाई के दौरान कितनों की गई जान, कितनों को मिला मुआवज़ा

विशेष रिपोर्ट: राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के पास यह जानकारी भी नहीं है कि देश में कुल कितने सफाईकर्मी हैं. 2014 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1993 से लेकर अब तक सीवर में दम घुटने की वजह हुई मौतों और मृतकों के परिवारों की पहचान कर उन्हें 10 लाख रुपये मुआवज़ा देने का आदेश दिया गया था.

लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के वेतन-भत्तों पर चार साल में 19.97 अरब रुपये ख़र्च: आरटीआई

इस भुगतान का हिसाब लगाने से पता चलता है कि हर लोकसभा सांसद को प्रत्येक वर्ष औसतन 71.29 लाख रुपये का वेतन-भत्ता मिला, जबकि हर राज्यसभा सांसद को इस मद में प्रत्येक साल औसतन 44.33 लाख रुपये की रकम अदा की गई.

भीमा-कोरेगांव हिंसा में आरोपी संभाजी भिड़े के ख़िलाफ़ दंगों के मामले वापस लिए गए: आरटीआई

आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार दक्षिणपं​थी नेता संभाजी भिड़े और उनके संगठन शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान के ख़िलाफ़ छह मामले दर्ज किए गए थे. इसके अलावा भाजपा और शिवसेना नेताओं के ख़िलाफ़ दर्ज मामले भी महाराष्ट्र सरकार द्वारा वापस लिए गए.

पीटीआई से 297 लोगों को नौकरी से निकालने के ख़िलाफ़ आए पत्रकार संगठन

प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा देश भर से करीब 300 कर्मचारियों की 'अवैध छंटनी' के विरोध में पीटीआई एम्प्लॉइज फेडरेशन ने संस्थान के सीईओ वेंकी वेंकटेश को पत्र लिखा है. वहीं दिल्ली पत्रकार यूनियन ने श्रम मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से इस पर संज्ञान लेने का आग्रह किया है.

मोदी राज की मेहरबानी- अमीरों के 3 लाख करोड़ लोन माफ़ हुए, मंत्री ने ट्वीट तक नहीं किया

मोदी सरकार के चार सालों में 21 सरकारी बैंको ने 3 लाख 16 हज़ार करोड़ के लोन माफ़ किए हैं. यह भारत के स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा के कुल बजट का दोगुना है. सख़्त और ईमानदार होने का दावा करने वाली मोदी सरकार में तो लोन वसूली ज़्यादा होनी चाहिए थी, मगर हुआ उल्टा. एक तरफ एनपीए बढ़ता गया और दूसरी तरफ लोन वसूली घटती गई.

‘सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार की अनिवार्यता निराशाजनक’

सुप्रीम कोर्ट के फैसले को संतोषजनक बताते हुए भोजन के अधिकार पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं ने कहा कि आधार लिंक नहीं करा पाने की वजह से कई लोगों को कल्याणकारी योजनाओं से वंचित कर दिया गया, जिसकी वजह से लगभग 20 लोगों की मौत हो चुकी है.

सीआईसी के आदेश के बावजूद मोदी के मंत्री ने नहीं दिया सांसद निधि से ख़र्च का ब्योरा

केंद्रीय सूचना आयोग ने इसी साल 15 जून को आदेश दिया था कि मध्य प्रदेश के ग्वालियर से सांसद नरेंद्र सिंह तोमर, ग्वालियर के ज़िलाधिकारी और सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय सांसद निधि के तहत ख़र्च की गई राशि की विस्तृत जानकारी दें.

पीट-पीट कर मार दिए गए पहलू ख़ान के बेटे और दूसरे गवाहों पर कोर्ट जाने के दौरान फायरिंग

अलवर ज़िले के बहरोड़ स्थित अदालत में सुनवाई के लिए जा रहे थे गवाह. अलवर में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या आठ पर हुआ हमला. पुलिस ने अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया.

तीन बच्चे होने के कारण नौकरी से निकाली गई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंची

नियम के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार विभिन्न विभागों में पदस्त कर्मचारियों के दो से ज़्यादा बच्चे नहीं होने चाहिए. महिला की दलील है कि यह प्रस्ताव 2014 में आया था और उस समय वो आठ महीने की गर्भवती थीं.

दिल्ली हाईकोर्ट ने रद्द किया कोबरापोस्ट की डॉक्यूमेंट्री सार्वजनिक करने से रोकने वाला आदेश

बीते मई में दिल्ली हाईकोर्ट ने कोबरापोस्ट के ऑपरेशन- 136 पर दैनिक भास्कर समूह की याचिका के बाद रोक लगा दी थी. शुक्रवार को इस आदेश को रद्द करते हुए अदालत ने कहा कि जब तक यह साबित न हो कि कथित अपमानजनक सामग्री दुर्भावनापूर्ण या झूठी है, तब तक एकतरफा रोक का आदेश नहीं दिया जाना चाहिए.

दिल्ली में डिप्थीरिया से मरने वालों की संख्या 24 हुई

दिल्ली के महर्षि वाल्मीकि संक्रामक रोग अस्पताल में 23 बच्चों की मौत हुई है जबकि एक मौत एलएनजेपी अस्पताल में हुई. एंटीटॉक्सिन की ख़रीद में देरी मौत की मुख्य वजह बताई जा रही है.

क्या मीडिया ने शहीद संदीप सिंह के सर्जिकल स्ट्राइक का हिस्सा होने की फ़र्ज़ी ख़बर चलाई?

भारतीय सेना के लांस नायक संदीप सिंह सोमवार को जम्मू कश्‍मीर के तंगधार सेक्टर में हुई एक मुठभेड़ में शहीद हो गए थे.

उत्तर प्रदेश: गाड़ी न रोकने पर पुलिस ने गोली मारी, एप्पल कंपनी के एरिया मैनेजर की मौत

राजधानी लखनऊ के गोमती नगर इलाके में हुई घटना में एरिया मैनेजर की मौत. हत्या के आरोप में दो पुलिसकर्मी हिरासत में लिए गए. पद से बर्ख़ास्त किया गया. मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित.

समय से पहले विधानसभा भंग होने पर चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू मानी जाएगी: चुनाव आयोग

बीते दिनों तेलंगाना में विधानसभा को निर्धारित कार्यकाल पूरा होने से पहले ही भंग कर दिया गया. चुनाव आयोग द्वारा यह स्थिति स्पष्ट किए जाने के साथ ही तेलंगाना में आचार संहिता लागू मानी जाएगी.