प्रधानमंत्री जवाब दें कि उन्होंने अर्थव्यवस्था की धज्जियां क्यों उड़ाईं?: राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री ने 15-20 पूंजीपतियों के लिए नोटबंदी की थी. यह ग़लती नहीं बल्कि छोटे उद्योगों और छोटे व्यापारियों पर हमला था.

आपराधिक मामलों वाले नेताओं के बारे में जानकारी न देने पर सुप्रीम कोर्ट की केंद्र को फटकार

जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा सरकार नेताओं के खिलाफ दायर मामलों का हल निकालने के लिए तैयार नहीं दिख रही है. जबकि कोर्ट को आदेश पारित करने के लिए बाध्य किया जा रहा है.

डॉलर के मुकाबले रुपया पहली बार 71 के न्यूनतम स्तर पर

रुपये के भाव में लगातार गिरावट से निर्यातक वैश्विक बाजारों में अपने माल का सही मोल-भाव नहीं कर पा रहे हैं जिससे उन्हें अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है.

नोटबंदी: न ख़ुदा ही मिला न विसाल ए सनम

सरकार का कहना था कि बंद किए गए नोटों में से लगभग 3 लाख करोड़ मूल्य के नोट बैंकों में वापस नहीं आएंगे और यह काले धन पर कड़ा प्रहार होगा, लेकिन रिज़र्व बैंक मुताबिक अब नोटबंदी के बाद जमा हुए नोटों का प्रतिशत 99 के पार पहुंच गया है. यानी या तो इन नोटों में कोई काला धन था ही नहीं या उसके होने के बावजूद सरकार उसे निकालने में विफल रही.

देश में संविधान लागू है और क़ानून अपना काम कर रहा है

रोजगार नहीं है. उत्पादन घट गया है. किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नसीब नहीं हो रहा है. हेल्थ सर्विस चौपट हो चली है. शिक्षा-व्यवस्था डांवाडोल है. मुस्लिम ख़ामोश हो गया है. दलित चुपचाप है लेकिन आवाज़ नहीं उठनी चाहिए क्योंकि देश में क़ानून अपना काम कर रहा है.

अब पराया लगता है यह देश

हम देश के एक छोटे से क़स्बे में पले-बढ़े लेकिन उस दौर में लोगों का दिलो-दिमाग राजनीति ने इतना छोटा नहीं था, जबकि देश का विभाजन हुए बहुत अरसा भी नहीं बीता था. नफ़रत की ऐसी आग नहीं लगी हुई थी, जैसी आज लगी है.

उत्तर प्रदेश: भैंस चोरी के शक़ में भीड़ द्वारा युवक की पीट-पीटकर हत्या

घटना बरेली ज़िले के भोलापुर डिंडोलिया गांव की है. युवक दुबई में दर्जी का काम करता था और छुट्टियां मनाने अपने घर लौटा था. मामले में चार आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है.

जानबूझकर क़र्ज़ न लौटाने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई का ब्योरा सार्वजनिक करें: सीआईसी

सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने कहा कि छोटा-मोटा क़र्ज़ लेने वाले किसानों को बदनाम किया जाता है जबकि 50 करोड़ रुपये से अधिक क़र्ज़ लेकर उसे सही समय पर न लौटाने वालों को क़ाफी मौके दिए जाते हैं.

‘प्रतिरोध की हर आवाज़ का अपराधीकरण कर रही है सरकार’

वीडियो: भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में देश के विभिन्न हिस्सों से हुई सामाजिक कार्यकताओं की गिरफ्तारी पर द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून: समिति ने राजनाथ की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह को रिपोर्ट सौंपी

पिछले एक साल में नौ राज्यों में करीब 40 लोगों की हत्या भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की जा चुकी है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस पर कानून बनाने का निर्देश दिया था.

संपादकीय: सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी देश में लोकतंत्र की चिंताजनक स्थिति का संकेत है

जैसे-जैसे 2019 आम चुनाव क़रीब आ रहे हैं, एक नई कहानी को बढ़ावा दिया जा रहा है- कि दुश्मन देश के अंदर ही हैं और ये न केवल सरकार और उसकी नीतियों, बल्कि देश के ही ख़िलाफ़ हैं.

जन गण मन की बात, एपिसोड 296: नोटबंदी पर आरबीआई की रिपोर्ट और सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी

जन गण मन की बात की 296वीं कड़ी में विनोद दुआ नोटबंदी पर आरबीआई की ​हालिया रिपोर्ट और भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में देश के विभिन्न हिस्सों से गिरफ़्तार किए गए सामाजिक कार्यकर्ताओं पर चर्चा कर रहे हैं.