अयोध्या मंदिर-मस्जिद विवाद वास्तविक मुद्दा नहीं हैं, क्योंकि जनता इस मुद्दे को लेकर शांतिपूर्ण रह रही है. वास्तविक मुद्दा सांप्रदायिकता का विकास और सांप्रदायिक संगठनों द्वारा सांप्रदायिक तनाव को हवा देना है.
यह वह अयोध्या नहीं है जिसको सार्वजनिक कल्पना में विहिप और भाजपा या दिल्ली के तथाकथित लिबरल्स व मार्क्सवादी बुद्धिजीवियों ने स्थापित किया है. यह एक सामान्य शहर है.
देश के वामपंथी और समाजवादी बौद्धिकों ने धर्मनिरपेक्षता की रक्षा का पूरा दारोमदार मंडलवादी और आंबेडकरवादी आंदोलनों पर डाल दिया लेकिन इन आंदोलनों ने देश को इतने भ्रष्ट नेता दिए कि उनके पास धर्मनिरपेक्षता की रक्षा का नैतिक बल ही नहीं बचा.
26 साल पहले आज ही के दिन स्वयं को रामभक्तों की सेना कहने वालों ने एक ऐसा जघन्य कृत्य किया था जिसके कारण पूरी दुनिया के सामने हिंदू धर्म का सिर हमेशा के लिए कुछ नीचे हो गया.
राम मंदिर था या नहीं, ये बहस अनंत काल तक चलाई जा सकती है, लेकिन मुद्दा इतिहास का नहीं बल्कि धर्म के नाम पर बरगलाने का है.
जन गण मन की बात की 158वीं कड़ी में विनोद दुआ अपने इस कार्यक्रम में सरकार से सवाल पूछने के साहस और अयोध्या विवाद के 25 साल पूरे होने पर चर्चा कर रहे हैं.
फिल्मकार जेपी दत्ता की फिल्म बॉर्डर लाेंगेवाला की लड़ाई पर ही बनी थी, जिसमें सनी देआेल ने मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी का किरदार अदा किया था.
पिछले कई महीनों से लगातार बीमार थे. मुंबई के कोकिला बेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
नीतीश कुमार पद्मावती के रिलीज़ में उलझे हैं, लेकिन नाबालिग दलित लड़की के सामूहिक बलात्कार और तीन लोगों की हत्या पर सरकार ख़ामोश है.
केंद्र सरकार को उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतज़ार.
राष्ट्रीय अपराध रिकोर्ड ब्यूरो के अनुसार वर्ष 2016 में भारत में मानव तस्करी के 8,000 से अधिक मामले सामने आए हैं.
2008 में हुए मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफ़िज़ सईद ने कहा कि 2018 का आम चुनाव कश्मीर को समर्पित होगा.
मेयरों के चुनाव में भाजपा की सफलता को मोदी-योगी के चमत्कारों से जोड़ने वालों को यह भी बताना चाहिए कि किसके चमत्कार से पार्टी निर्दलीयों से भी पीछे रही?
फैज़ाबाद, आम्बेडकर नगर, बस्ती, गोंडा, बलरामपुर, बहराइच और सुल्तानपुर ज़िले की 33 नगर पालिका सीटों में से भाजपा को महज़ छह सीटों पर सफलता मिली.
ग्राउंड रिपोर्ट: भाजपा शासन से उपजे मोहभंग के कारण तेज़ मिजाज़ पाटीदारों ने अब आर्थिक मोर्चे पर इसकी नाक़ामियों को सामने रखना शुरू कर दिया है.