मीडिया बोल की आठवीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, देशबुंध अख़बार के कार्यकारी संपादक जयशंकर गुप्त और वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी के साथ बिहार में हुए सियासी उलटफेर की मीडिया कवरेज पर चर्चा कर रहे हैं.
मध्य प्रदेश में एक पिता को बेटे का शव ले जाने के लिए अस्पताल ने वाहन देने से इनकार कर दिया.
भारतीय सशस्त्र बल के 114 पूर्व सैनिकों ने हाल ही में संविधान में बताए गए धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक मूल्यों के उलट देश में हुई हिंसा की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है.
कई मीडिया संस्थानों ने अमित शाह की संपत्ति में 300 फीसदी की बढ़ोत्तरी और स्मृति ईरानी की डिग्री से जुड़ी ख़बर छापी थी, जिसे बिना कोई वजह बताए हटा लिया गया.
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अनुसंधान की कमी पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि आज तक देश अपने सशस्त्र बलों के लिए एक ढंग की राइफल भी विकसित नहीं कर सका है.
वहीं लोकसभा में रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने सेना में 52 हज़ार सैनिकों की कमी बताई है.
कोर्ट ने सरकार से सवाल किया कि मान लीजिए पुलिस ने चार लोगों के ख़िलाफ़ मजिस्ट्रेट के सामने चार्जशीट दाखिल कर दी है लेकिन आगे की कार्रवाई के लिए सरकार की अनुमति चाहिए, जो नहीं दी गई, तब क़ानूनन मजिस्ट्रेट क्या करे.
जेलों पर ज़रूरत से ज़्यादा बोझ और कर्मचारियों की कमी के चलते भारतीय जेलें राजनीतिक रसूख वाले अपराधियों के लिए एक आरामगाह और सामाजिक-आर्थिक तौर पर कमज़ोर विचाराधीन कैदियों के लिए नरक हैं.
जन गण मन की बात की 91वीं कड़ी में विनोद दुआ गोरखपुर दंगा मामले में योगी आदित्यनाथ को बचाने की यूपी सरकार की कोशिश पर चर्चा कर रहे हैं.
शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि शारीरिक हिंसा या मृत्यु से संबंधित अपराध होने की स्थिति में तुरंत गिरफ़्तारी होगी.
नीतीश मुख्यमंत्री पद के तथाकथित ‘बलिदान’ के कुछ ही घंटों के भीतर भाजपा के समर्थन से फिर उसी कुर्सी पर काबिज़ हो गए, जो प्रदेश की जनता द्वारा दिए गए जनादेश से धोखा करने जैसा है.
जन गण मन की बात की 90वीं कड़ी में विनोद दुआ नीतीश कुमार के इस्तीफे और चीन से निपटने के लिए आरएसएस के मंत्र पर चर्चा कर रहे हैं.
रिश्वत लेने के आरोपी डीजीपी ने नोटिस में कहा है कि डी. रूपा तीन दिन में अख़बारों में माफीनामा प्रकाशित कराएं, नहीं तो वह 50 करोड़ रुपये के मुआवज़े की प्रक्रिया शुरू करेंगे.
यूपी में सरकारों ने 2007 में हुए गोरखपुर दंगों में आदित्यनाथ की भूमिका की जांच को अटकाए रखा. हालांकि ऐसे तथ्य हैं, जिनके आधार पर कोर्ट चाहे तो मामले को दोबारा देखा जा सकता है.
जन गण मन की बात की 89वीं कड़ी में विनोद दुआ भारतीय रेल से जुड़ी कैग की रिपोर्ट और किसानों की दुर्दशा पर चर्चा कर रहे हैं.