जन गण मन की बात की 61वीं कड़ी में विनोद दुआ बाबरी विध्वंस मामला और देश की उच्च शिक्षा पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 60वीं कड़ी में विनोद दुआ पशुवध पर पाबंदी और मेक इन इंडिया पर चर्चा कर रहे हैं.
तिब्बत में चीन के बढ़ते अत्याचारों के ख़िलाफ़ तिब्बत यूथ कांग्रेस के सदस्यों ने नई दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप करने की मांग की.
मोदी यह समझाने की कितनी भी कोशिश करें कि उनके आने से बदलाव आया है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि अर्थव्यवस्था से जुड़े अधिकांश क्षेत्रों में सरकार प्रगति करने के लिए जूझती नज़र आ रही है.
नियमित अंतराल पर ऐसी तस्वीरें मीडिया में देखने को मिल जाती हैं जब किसी राष्ट्रीय या क्षेत्रीय पार्टी का पुरुष या महिला नेता तलवार, धनुष-बाण या गदा हाथ में लेकर इसका सार्वजनिक प्रदर्शन करता है.
सहारनपुर के शब्बीरपुर में हुई जातीय हिंसा पर यहां के दलित और राजपूत समुदाय के लोगों से बातचीत.
जन गण मन की बात की 59वीं कड़ी में विनोद दुआ समाचार चैनलों पर पाकिस्तान से जंग को लेकर हो रही बहस और सांसद आदर्श ग्राम योजना पर चर्चा कर रहे हैं.
सहारनपुर में पिछले कुछ दिनों से जातीय हिंसा की घटनाएं लगातार सामने आई हैं. इस हिंसा पर रविदास हॉस्टल में रहने वाले छात्रों से बातचीत.
‘बचपन में मुझे भी मानव ढाल के बतौर इस्तेमाल किया गया था. मैं आज तक इस बोझ के साथ जी रहा हूं; पर आज मुझे लगता है कि इस बारे में बात करने की ज़रूरत है.’
जन गण मन की बात की 58वीं कड़ी में विनोद दुआ फर्ज़ी ख़बरें और स्मार्ट सिटी परियोजना पर चर्चा कर रहे हैं.
बीते दिनों सेना के हाथों दो भारतीय अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन का शिकार हुए हैं, लेकिन भारत सरकार के अधिकारी और पूरा देश इनमें से सिर्फ एक के अधिकारों के लिए लड़ता दिख रहा है.
फोरम फॉर इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लायइज की अध्यक्ष वासुमति का आरोप है कि आईटी कम्पनियां मुनाफा कमाने के उद्देश्य से अप्रैज़ल प्रक्रिया में ‘खराब परफॉरमेंस’ का बहाना बनाकर कर्मचारियों को निकाल रही हैं.
जन गण मन की बात की 57वीं कड़ी में विनोद दुआ हाशिमपुरा नरसंहार और स्वच्छ भारत अभियान की वर्तमान स्थिति पर चर्चा कर रहे हैं.
मूर इकलौते ऐसे अभिनेता थे, जिन्होंने बॉन्ड सीरीज़ की सात फिल्मों में काम किया था.
1870 के दशक में ये बग्घियां ब्रिटेन से भारत पहुंची थीं. तब ये विक्टोरिया टर्मिनस से लोगों को लाने-ले जाने में काम आया करती थीं.