जन गण मन की बात की 56वीं कड़ी में विनोद दुआ भीम आर्मी और भारत की स्वास्थ्य सेवा पर चर्चा कर रहे हैं.
वर्तमान सरकार गाय को लेकर आवश्यकता से ज़्यादा चिंतित होने का दिखावा कर रही है, लेकिन वहीं हर साल डायरिया-कुपोषण से मरने वाले लाखों बच्चों को लेकर सरकार आपराधिक रूप से निष्क्रिय है.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने वकीलों के समूह की याचिका ख़ारिज करते हुए उस पर 2 लाख 75 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया.
आंकड़े बताते हैं कि देश में मुसलमानों का राजनीतिक प्रतिनिधित्व बहुत तेज़ी से गिरता जा रहा है, जिसका मतलब होगा कि वह पूरी तरह से हाशिये पर चले जाएंगे.
हाशिमपुरा नरसंहार के समय जिन लोगों को पुलिस उठाकर ले गई थी, उनमें से कुछ ने अपनी आपबीती को नज़्म की शक्ल दी. इस ऑडियो में एक नज़्म है, जो जेल से लौटे नौजवानों ने लिखी थी.
एक समय था जब भाजपा कम्युनिस्ट पार्टियों के अलावा देश की एकमात्र कैडर आधारित पार्टी हुआ करती थी, जिसकी अपनी एक चमक थी.
'संकट मोचन संगीत समारोह और गंगा में एकरूपता है. जैसे गंगा सभी के लिए हैं, वैसे ही संकट मोचन का मंच भी सभी के लिए है.'
आईआईएमसी के महानिदेशक केजी सुरेश ने परिसर में यज्ञ कराने और विवादित आईजी एसआरपी कल्लूरी को आमंत्रित करने का किया बचाव.
दिल्ली की आधिकारिक भाषा अंग्रेज़ी, हिंदी, पंजाबी और उर्दू हैं पर दिल्ली के कई उच्च शिक्षण संस्थानों के पाठ्यक्रम सिर्फ अंग्रेज़ी में हैं और इम्तिहान भी अंग्रेज़ी में ही देना होता है. दिल्ली विश्वविद्यालय और आंबेडकर विश्वविद्यालय के विद्यार्थी बता रहे हैं कि उन्हें अंग्रेज़ी में हो रही इस पढ़ाई से किस तरह की मुश्किलें आ रही हैं.
लैंसेट जर्नल के हालिया अध्ययन के मुताबिक स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में 195 देशों की सूची में भारत 154 वें स्थान पर है.
जन गण मन की बात की 55वीं कड़ी में विनोद दुआ तीन तलाक़ और बेरोज़गारी के संकट पर चर्चा पर कर रहे हैं.
तीन बार बुकर पुरस्कार के लिए नामित और 17 से ज़्यादा किताबों की लेखक अनीता देसाई को हाल ही में इंटरनेशनल लिटरेरी ग्रैंड प्राइज़ से सम्मानित किया गया है.
जन गण मन की बात की 54वीं कड़ी में विनोद दुआ बैंकों द्वारा छोटे और मझोले उद्योगों को कर्ज़ देने से मना करने और सरकार द्वारा विपक्ष को घेरने की कोशिशों पर चर्चा कर रहे हैं.
अंतर्राष्ट्रीय न्याय अदालत ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर लगाई रोक, कहा- वियना समझौते के तहत यह आदेश भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए बाध्यकारी है.
कुलभूषण जाधव की फांसी पर अंतर्राष्ट्रीय न्याय अदालत ने रोक लगा दी है. इस मसले पर द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन का वक्तव्य.