जन गण मन की बात की 87वीं कड़ी में विनोद दुआ नोटबंदी से जीडीपी व रोज़गार के प्रभावित होने और शिक्षा क्षेत्र की दुर्दशा पर चर्चा कर रहे हैं.
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख ने गोरक्षा के नाम पर हिंसा को संघ से जोड़ने के बजाए उस पर कार्रवाई किए जाने की बात कही है.
जन गण मन की बात की 86वीं कड़ी में विनोद दुआ कर्नाटक झंडा विवाद और आईपीएस अधिकारी डी. रूपा के तबादले पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 85वीं कड़ी में विनोद दुआ अडानी समूह के ख़िलाफ़ रिपोर्ट करने के बाद ईपीडब्ल्यू के संपादक प्रंजॉय गुहा ठाकुरता के इस्तीफ़े और निजता के अधिकार पर चर्चा कर रहे हैं.
सरकार ने चुपके से स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन से जुड़े नियमों में बदलाव किए, जिसका सीधा फ़ायदा अडानी समूह को पहुंचा.
जन गण मन की बात की 84वीं कड़ी में विनोद दुआ देश के अब तक के राष्ट्रपतियों और युवा नेताओं पर चर्चा कर रहे हैं.
साक्षात्कार: सेंसर बोर्ड अध्यक्ष के रूप में पहलाज निहलानी का ढाई साल का कार्यकाल कई तरह के विवादों में रहा. उनसे बातचीत.
मीडिया बोल की छठी कड़ी में उर्मिलेश भारत-चीन मामलों के जानकार मनोज जोशी और पत्रकार स्मिता शर्मा के साथ भारत-चीन के बीच जारी गतिरोध पर चर्चा कर रहे हैं.
डी. रूपा ने एआईएडीएमके अध्यक्ष वीके शशिकला को जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट दिए जाने के अलावा डीजीपी पर रिश्वत लेने का भी आरोप लगाया था.
साक्षात्कार: वरिष्ठ पत्रकार सागरिका घोष से उनकी नई क़िताब 'इंदिरा: इंडियाज़ मोस्ट पावरफुल प्राइम मिनिस्टर' पर मीनाक्षी तिवारी से बातचीत.
किसी एक त्रासदी के पीड़ितों को दूसरी त्रासदी के पीड़ितों के ख़िलाफ़ इस्तेमाल करना हद दर्जे का ओछापन है, जहां पीड़ितों को इंसाफ दिलाने की बजाय राजनीतिक रोटियां सेंकी जाने लगती हैं.
चीन के साथ कारोबारी रिश्तों को सरकार और अर्थव्यवस्था की कामयाबी के रूप में पेश किया जाता है लेकिन जब कभी दोनों देशों में विवाद होता है तब लड़ियों-फुलझड़ियों का विरोध शुरू हो जाता है.
डॉन अख़बार ने अपने संपादकीय में कहा है कि पाकिस्तान सरकार को मानवीय आधार पर जाधव की मां को वीजा प्रदान करना चाहिए.
इरोम ने कहा, ‘मैंने 16 सालों तक मणिपुर में आफ्सपा के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी पर लोगों ने मुझे नकार दिया.’
जन गण मन की बात की 83वीं कड़ी में विनोद दुआ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचे हुए कार्यकाल और बेराज़गारी की समस्या पर चर्चा कर रहे हैं.