अक्टूबर 2019 में एनटीपीसी विंध्याचल का ऐश डैम टूटने के बाद क़रीब 35 लाख मीट्रिक टन से ज़्यादा राख रिहंद जलाशय में गिरी थी. यह जलाशय सिंगरौली और सोनभद्र ज़िलों के पीने योग्य पानी का एकमात्र स्रोत है. एनजीटी में दायर याचिका में एनटीपीसी पर लापरवाही का आरोप लगाया गया था.