मध्य प्रदेश: बाघों की मौत को लेकर गंभीरता न दिखाने पर वन्यजीव विभाग के शीर्ष अधिकारी को हटाया

मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और शहडोल वन मंडल में 2021 से 2023 के बीच हुईं 43 बाघों की मौत की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में संभावित शिकार के मामलों में अपर्याप्त जांच, पोस्टमॉर्टम के दौरान चूक और चिकित्सीय लापरवाही के कारण मौतों की बात कही थी.

मध्य प्रदेश: 43 बाघों की मौत को एसआईटी ने अधिकारियों की उदासीनता, लापरवाही का नतीजा बताया

वर्ष 2021 से 2023 के बीच मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और शहडोल वन मंडल में 43 बाघों की मौत की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उच्च अधिकारियों और वन रेंज अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों के निर्वहन में रूचि नहीं दिखाई, 17 मामलों में विस्तृत जांच के बिना ही बाघों की मौत को आपसी लड़ाई का नतीजा बता दिया.

दो महीने में 30 बाघों की मौत, अधिकारियों ने कहा- ख़तरे की बात नहीं

इन 30 मौतों में से मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 9 बाघों की मौत रिकॉर्ड की गई है. इसके बाद महाराष्ट्र में 7 बाघों की मौत हुई है. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि यह संख्या ख़तरे की चेतावनी नहीं है, क्योंकि आमतौर पर जनवरी और मार्च के बीच बाघों की मौत के मामले बढ़ जाते हैं.

2021 में बाघों की मौत की संख्या में वृद्धि, 126 बाघों की की जान गई: एनटीसीए

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के मुताबिक़, इस साल सबसे ज़्यादा 44 बाघों की मौत मध्य प्रदेश में हुई, इसके बाद महाराष्ट्र में 26 और कर्नाटक में 14 बाघों की मौत हुई. एक अधिकारी ने बताया कि इस साल बाघों की मौत के आंकड़े में हुई वृद्धि की जांच की जा रही है.