मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और शहडोल वन मंडल में 2021 से 2023 के बीच हुईं 43 बाघों की मौत की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में संभावित शिकार के मामलों में अपर्याप्त जांच, पोस्टमॉर्टम के दौरान चूक और चिकित्सीय लापरवाही के कारण मौतों की बात कही थी.
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के मुताबिक़, इस साल सबसे ज़्यादा 44 बाघों की मौत मध्य प्रदेश में हुई, इसके बाद महाराष्ट्र में 26 और कर्नाटक में 14 बाघों की मौत हुई. एक अधिकारी ने बताया कि इस साल बाघों की मौत के आंकड़े में हुई वृद्धि की जांच की जा रही है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक विशेष रिपोर्ट में बाघों की गिनती की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए बताया गया है कि सरकार द्वारा बताई गई बाघों की संख्या असल बाघों से ज़्यादा है.