जब भी भीड़ के विवेक से परे हटकर टीपू सुल्तान का मूल्यांकन किया जाएगा तब उन्हें अंग्रेजी राज के ख़तरे को पहचानने और उनके ख़िलाफ़ लड़कर शहीद होने वाले शासक की तौर पर याद रखा जाएगा.
जब भी भीड़ के विवेक से परे हटकर टीपू सुल्तान का मूल्यांकन किया जाएगा तब उन्हें अंग्रेजी राज के ख़तरे को पहचानने और उनके ख़िलाफ़ लड़कर शहीद होने वाले शासक की तौर पर याद रखा जाएगा.