ईडी की यह जांच आर्थिक अपराध शाखा (तिरुचि) द्वारा एक आभूषण फर्म और अन्य के ख़िलाफ़ दर्ज की गई एफ़आईआर पर आधारित है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उच्च रिटर्न के वादे के साथ सोने की निवेश योजना की आड़ में लोगों से लगभग 100 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे. प्रकाश राज कथित तौर पर फर्म के ब्रांड एंबेसडर थे.
केनरा बैंक ने तिरुचिरापल्ली की सोशल सर्विस सोसाइटी को 48.8 लाख रुपये की राशि, जो 1994-95 में 1,540 लोगों को क़र्ज़ दी गई थी, को चुकाने के लिए उत्तरदायी बनाने का अनुरोध किया था, जिसे मद्रास हाईकोर्ट ने ख़ारिज कर दिया था. बैंक ने इसे शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी, जिसने हाईकोर्ट का निर्णय बरक़रार रखा.