साल 2018 में राज्य में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से ही पत्रकारों पर हमले हो रहे हैं और बीते सितंबर में मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के पत्रकारों को धमकी देने के बाद से इसमें इज़ाफ़ा हुआ है. 2020 में पत्रकारों पर हमले के 17 मामले दर्ज किए हुए जबकि 2021 में अब तक ऐसे सात मामले दर्ज किए गए हैं.
लेफ्ट फ्रंट के संयोजक बिजन धर ने अगरतला में हुए कुछ हमलों को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखी थीं, जिसके बाद त्रिपुरा पुलिस ने उन पर कथित तौर पर हिंसा भड़काने के लिए मामला दर्ज किया है. धर के अलावा माकपा के पूर्व सांसद जितेंद्र चौधरी और विधायक भानु लाल साहा के ख़िलाफ़ भी उनकी कई पोस्ट को लेकर एफआईआर दर्ज हुई है.
आरोप है कि मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के ख़िलाफ़ सात अप्रैल को फेसबुक पर दो लोगों ने आपत्तिजनक पोस्ट की थी, जिसके बाद उन्हें अगले दिन गिरफ़्तार कर लिया गया था. इससे पहले भी मुख्यमंत्री के खिलाफ पोस्ट करने वाले कई लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है.
दक्षिण त्रिपुरा ज़िले के कलाछारा में त्रिपुरा सूचना एवं संस्कृति विभाग के एक सदस्य की पीट-पीट कर हत्या. पश्चिम त्रिपुरा के मुराबारी में हुई एक अन्य घटना में एक पुलिसकर्मी सहित चार लोग घायल. 48 घंटों के लिए इंटरनेट और एसएमएस सेवा बंद.