लुमेन डाटाबेस पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, 21 जून को भारत सरकार से 37 ट्वीट्स के ख़िलाफ़ क़ानूनी अनुरोध मिले थे. चूंकि ट्वीट को रोक दिया गया है, इसलिए उसमें कही गई बातों को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया जा सकता. इससे पहले ट्विटर ने ग़ाज़ियाबाद के लोनी में एक बुज़ुर्ग मुस्लिम व्यक्ति के साथ कथित मारपीट के मामले को लेकर किए गए 50 ट्वीट को प्रतिबंधित कर दिया था.
सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उनका ट्विटर एकाउंट बहाल होने के बाद कहा कि ट्विटर की इस कार्रवाई से संकेत मिलता है कि वह स्वतंत्र अभिव्यक्ति का पक्षधर नहीं है, जिसका वह दावा करता है. उसकी रुचि केवल अपना एजेंडा चलाने में है.