केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने बच्चों की एक फिल्म को यूनिवर्सल/एडल्ट सर्टिफिकेट दिया था. बोर्ड को फटकार लगाते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि दुनिया बदलने के साथ कहानी कहने की कला भी बदल रही है. आप इसका फैसला नहीं कर सकते हैं कि कोई क्या देखना चाहता है और क्या नहीं.