ट्राई अध्यक्ष आरएस शर्मा ने ट्विटर पर अपना आधार नंबर डालकर चुनौती दी थी कि मात्र इस नंबर के आधार पर कोई उनको हानि पहुंचा कर दिखाए. कुछ समय बाद एक फ्रांसीसी सुरक्षा विशेषज्ञ ने आधार के जरिये उनके निजी पते, जन्मदिन, फोन नंबर समेत कई सारी जानकारियों को ढूंढ निकाला.
चुनौती स्वीकार करते हुए एक फ्रांसीसी सुरक्षा विशेषज्ञ ने ट्राई के प्रमुख आरएस शर्मा के आधार नंबर का इस्तेमाल कर उनका निजी पता, जन्मदिन, फोन नंबर समेत कई जानकारियां सार्वजनिक कर दीं.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से अपराधिक जांच के लिए पुलिस को आधार डेटा की सीमित उपलब्धता दिए जाने का प्रस्ताव रखा था. गृह राज्य मंत्री ने कहा कि इस बारे में मंत्रालय से चर्चा कर विचार किया जाएगा.
साक्ष्य बताते हैं कि आधार के सहारे फ़र्ज़ी बताए गए राशन कार्डों की संख्या का प्रधानमंत्री द्वारा किया गया दावा वास्तविकता से कई गुना ज़्यादा था.
समझ में नहीं आता कि जब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को संविधान पीठ को सौंपा हुआ है तो उसका फैसला आए बिना सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार की ऐसी अनिवार्यता थोपने का क्या तुक है.
शीर्ष अदालत ने कहा कि वह सरकार की इस दलील से सहमत नहीं है कि आधार क़ानून को लोकसभा अध्यक्ष ने धन विधेयक (मनी बिल) बताने का सही निर्णय किया.
एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार विभाग से पूछा कि आप सेवा प्राप्त करने वालों के लिए मोबाइल फोन से आधार को जोड़ने के लिए शर्त कैसे लगा सकते हैं.
यूआईडीएआई ने सरकारी विभागों और राज्य सरकारों से कहा है कि आधार संख्या नहीं होने पर आवश्यक सेवाओं और लाभ से वास्तविक लाभार्थी को उसका लाभ लेने से मना नहीं किया जाए.
मौजूदा व्यवस्था में आधार का सत्यापन उंगलियों के निशान व आंखों की पुतली के स्कैन के ज़रिये किया जाता है.
यूआईडीएआई के पूर्व अध्यक्ष नंदन नीलेकणि ने कहा, आधार को बदनाम करने का अभियान चल रहा है.
अमेरिकी ह्विसिल ब्लोवर स्नोडेन ने कहा कि आधार लीक मामले में द ट्रिब्यून की पत्रकार पर कार्रवाई की जगह उसे पुरस्कृत करना चाहिए.
भाजपा सांसद ने कहा, क्या केवल प्रतिशोध की राजनीति की जा रही है, यहां तक कि समाज और देश के लिए ईमानदारी से पेश आने वाली जनता को भी परेशान किया जा रहा है.
एडिटर्स गिल्ड ने आधार डेटा चोरी को लेकर दर्ज प्राथमिकी वापस लेने के लिए सरकार से हस्तक्षेप की मांग की.
इस ख़बर में दावा किया गया था कि एक 'एजेंट' की मदद से मात्र 500 रुपये खर्च कर के किसी भी व्यक्ति के बारे में आधार से जुड़ी सभी निजी जानकारी हासिल की जा सकती है.
आरटीआई के जवाब में यूआईडीएआई ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार की 210 वेबसाइटों ने कुछ आधार लाभार्थियों की जानकारियां सार्वजनिक कर दीं.