पाकिस्तान ने बिना उचित काग़ज़ात वाले प्रवासियों को स्वेच्छा से देश छोड़ने या गिरफ़्तारी या निष्कासन का सामना करने के लिए 1 नवंबर तक का समय दिया था. घोषणा से पहले देश में करीब 17 लाख अफ़ग़ान शरणार्थी रह रहे थे. पाकिस्तान की निर्वासन योजनाओं की संयुक्त राष्ट्र और पश्चिमी दूतावासों ने आलोचना की है.