एमपी: भाजपा विधायक छात्रों से बोले, ‘कॉलेज की डिग्री काम नहीं आएगी, पंक्चर की दुकान खोल लो’

मध्य प्रदेश के गुना में ‘पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस’ के उद्घाटन के अवसर भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय विधायक पन्नालाल शाक्य ने कहा कि कॉलेज की डिग्री से कुछ होने वाला नहीं है, मोटरसाइकिल की पंक्चर की दुकान खोल लेना, जिससे कम से कम अपना जीवन यापन चलता रहे.

पेपर लीक और सरकारी भर्तियों की धांधलेबाज़ी में पिस रहा देश का युवा

वीडियो: बीते कुछ समय में कई राज्यों में विभिन्न पेपर लीक हुए हैं और अलग-अलग सरकारी भर्तियों में अनियमितताएं सामने आई हैं. यह मुद्दे युवाओं को किस तरह प्रभावित कर रहे हैं, इस बारे में द वायर हिंदी के पत्रकार अंकित राज और दिल्ली यूनिवर्सिटी की शिक्षक डॉ. माया जॉन से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

2024 में प्लेसमेंट में गिरावट में बीच आईआईटी से निकले छात्रों का वेतन पैकेज भी घटा: रिपोर्ट

विभिन्न अध्ययनों में सामने आया है कि नए बने आईआईटी में औसत वार्षिक वेतन 15-16 लाख रुपये से घटकर 12-14 लाख रुपये रह गया है.

देश में बढ़ती बेरोजगारी का मुख्य कारण शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र की उपेक्षा है: अमर्त्य सेन

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा है कि यूरोप, जापान और चीन जैसे देशों को बेरोजगारी की समस्या का सामना इसलिए नहीं करना पड़ा क्योंकि उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान केंद्रित किया. एक शिक्षित और स्वस्थ व्यक्ति ख़ुद को नौकरी के योग्य बनाने के लिए अधिक प्रयास कर सकता है. भारत में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति चिंता का विषय है.

गोरखपुर: चार हज़ार युवाओं को सैनिक बनाने वाली भूमि अग्निपथ के बाद उजाड़ हुई

गोरखपुर के जिस सहसरांव ग्राउंड में पसीना बहाने के बाद 3,800 लड़के और 28 लड़कियों का चयन पिछले ढाई दशकों में सेना व अर्धसैनिक बल में हुआ, वह आज वीरान है. अग्निपथ योजना के कारण युवाओं में सेना का उत्साह ख़त्म हो गया है.

यूपी: प्रतियोगी परीक्षाओं के लीक होते पेपर और भर्ती में धांधली युवाओं के सपने छीन रहे हैं

उत्तर प्रदेश में पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती का पेपर लीक होने और बढ़ती बेरोज़गारी के चलते युवाओं का गुस्सा सातवें आसमान पर है. भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी और धांधली को लेकर अक्सर ही युवा सड़कों पर संघर्ष करते नज़र आते हैं, वहीं भर्तियों का लंबा इंतज़ार भी उनके भविष्य को अंधकार में धकेल रहा है.

उत्तर प्रदेश में लगातार हो रहे पेपर लीक, अभ्यर्थी बोले- राशन नाहीं चाही, रोजगार चाही

उत्तर प्रदेश में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से कोई साल ऐसा नहीं गुज़रा जिसमें प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक न हुए हों. शुरूआत 2017 में यूपी आरक्षी परीक्षा का पेपर लीक होने से हुई थी, जिसमें 1.20 लाख आवेदक शामिल हुए थे.

नरेंद्र मोदी के पिछली सरकारों से ज़्यादा नौकरी देने के दावे में कितनी सच्चाई है?

बीते दिनों पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि उनके शासनकाल में पिछली सरकारों से ज़्यादा नौकरियां दी गई हैं. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि वे किन आंकड़ों के आधार पर यह बात कह रहे हैं क्योंकि विभिन्न सर्वेक्षण और रिपोर्ट उनके दावे के उलट तस्वीर दिखाते हैं.

‘मेन मुद्दा बेरोजगारी बा, महंगाई आसमान छुअत बा, पांच सौ रुपया मजदूरी भी कम पड़त बा’

ऐसा कई चुनावों के बाद दिखाई दे रहा है कि विपक्षी गठबंधन के मुद्दे आम लोगों तक पहुंचे हैं और उनका असर भी पड़ रहा है.

अग्निपथ योजना: बिहार में चयन हो जाने के बाद भी नौकरी छोड़ रहे हैं अग्निवीर

अन्य ख़बरें भी बतलाती हैं कि अग्निपथ योजना के तहत चयनित बहुत सारे युवकों ने ट्रेनिंग के बीच में ही नौकरी छोड़ दी थी. ये युवक सेना की नौकरी में जाना तो चाहते हैं, लेकिन अग्निपथ ने उनका जज़्बा ख़त्म कर दिया है.

मोदी सरकार के कोविड कुप्रबंधन ने अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी

कोविड महामारी के प्रभाव भी भारतीय अर्थव्यवस्था पर साफ़ दिखते हैं. जहां एक तरफ बेरोज़गारी बढ़ी है, वहीं दूसरी तरफ शहरों में विभिन्न कामों में लगे श्रमिक कृषि क्षेत्र से जुड़ने को मजबूर हुए हैं.

यूपी: राजपूत महापंचायत ने आदित्यनाथ को छोड़कर सभी भाजपा नेताओं के बहिष्कार का आह्वान किया

उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत खेड़ा गांव में मंगलवार को आयोजित राजपूत समुदाय की एक महापंचायत ने सरकारी योजनाओं को लागू न करने, बढ़ती बेरोज़गारी, अग्निवीर योजना और राजपूत समाज के 'अपमान' के विरोध में भाजपा उम्मीदवारों का बहिष्कार करने की घोषणा की है.

उत्तराखंड: चुनाव प्रचार में अग्निवीर, बेरोज़गारी व अंकिता भंडारी के हत्यारों पर क्यों मौन रही भाजपा

23 बरस पहले उत्तराखंड जिस मकसद के लिए बनाया गया, उसे लेकर आज लगता है कि लोगों की आकांक्षाओं को अनदेखा किया गया और बुनियादी मुद्दों से भटकाने के लिए धार्मिक ध्रुवीकरण की ओर धकेल दिया गया.

विपक्षी दलों ने भाजपा के घोषणा पत्र को ‘जुमला पत्र’ क़रार दिया, कहा- खोखले शब्दों की हेराफेरी

विपक्षी दलों ने भाजपा के घोषणा पत्र को लेकर कहा कि इसका नाम 'माफ़ीनामा' रखा जाना चाहिए. भाजपा ने कहा था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देंगे, लेकिन हक़ीक़त यह है कि आज किसानों की आय घट गई है और क़र्ज़ दोगुना हो गया है.

चुनावी मुद्दों में बेरोज़गारी प्रमुख, 55% ने माना पिछले पांच सालों में भ्रष्टाचार बढ़ा: सीएसडीएस-लोकनीति

सीएसडीएस-लोकनीति द्वारा जनता के बीच चुनावी मुद्दों को लेकर किए गए एक सर्वे में लोगों ने बेरोज़गारी, महंगाई और विकास को 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए सबसे अधिक प्रासंगिक तीन मुद्दे माना है.

1 2 3 18