वीडियो: आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र देश की अर्थव्यवस्था, नौकरियों की स्थिति और बेरोज़गारी पर अर्थशास्त्री प्रोफेसर संतोष मेहरोत्रा और युवा हल्ला बोल के अनुपम के साथ चर्चा कर रहे हैं योगेंद्र यादव.
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई वाली समिति ने बीते अक्टूबर में सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों को पत्र लिखकर एक साथ चुनाव कराने पर अपने विचार भेजने को कहा था. पार्टियों के लिए अपना लिखित जवाब भेजने की आखिरी तारीख 18 जनवरी थी, जिसके बाद कई पार्टियों के नेताओं ने कोविंद से मुलाकात की थी.
मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के कन्नौज के रहने वाले बृजेश पाल के रूप में हुई है. वह हाल ही में एक पुलिस भर्ती परीक्षा में शामिल हुए थे और कथित तौर पर पेपर लीक से परेशान थे. अपने पीछे छोड़े गए एक सुसाइड नोट में उन्होंने अपने इस क़दम के पीछे बेरोज़गारी को ज़िम्मेदार ठहराया है.
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 95 फीसदी मामले विपक्षी नेताओं के ख़िलाफ़ दर्ज किए हैं, लेकिन सज़ा की दर सिर्फ़ 1 प्रतिशत है. इसका मतलब है कि ईडी का इस्तेमाल चरित्र हनन और विपक्ष की आवाज़ को कुचलने के लिए किया जा रहा है. सचिन पायलट ने देश में बेरोज़गारी को लेकर भी सरकार पर हमला बोला.
अर्थव्यवस्था पर केंद्र द्वारा लाए गए श्वेत-पत्र पर राज्यसभा में अल्पकालिक चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि सरकार ने इसका इस्तेमाल ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए किया है. इसमें नोटबंदी, बेरोज़गारी, मुद्रास्फीति, किसानों की दिक्कत और अर्थव्यवस्था की स्थिति के मुद्दों को छोड़ दिया गया है.
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राष्ट्रपति के भाषण में मोदी जी का प्रचार और विज्ञापन दिखा, पूरा भाषण राजनीतिक था. भाषण में कोई दूरदर्शिता नहीं थी. दलितों, वंचित वर्गों और आदिवासियों के लिए सरकार क्या करने जा रही है, इसका कोई ज़िक्र नहीं किया गया था. बेरोज़गारी, महंगाई पर भी राष्ट्रपति जी कुछ नहीं बोलीं.
दिसंबर 2023 को दो व्यक्ति लोकसभा की दर्शक दीर्घा से हॉल में कूदने के बाद धुएं के कनस्तर खोल दिए थे. इस मामले में गिरफ़्तार पांच बेरोज़गार युवाओं ने आरोप लगाया था कि उन्हें विपक्षी राजनीतिक दलों से ग़लत तरीके से जोड़ने के लिए न्यायिक हिरासत में बिजली के झटके और यातनाएं दी गईं. यूएपीए के तहत अपराध क़बूल करने के लिए मजबूर किया गया.
युद्धग्रस्त इज़रायल में कुशल श्रमिकों की भर्ती के लिए चलाए गए अभियान के तहत हरियाणा से 530 और उत्तर प्रदेश से 5,087 का चयन किया गया. इसके बाद मिज़ोरम, तेलंगाना, राजस्थान, बिहार और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों ने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम इंटरनेशनल से इज़रायल के लिए भर्ती अभियान चलाने का अनुरोध किया है.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि भाजपा सरकार ने किसी कार्यक्रम की चकाचौंध के पीछे वास्तविकता को छिपाने की कला में महारत हासिल कर लिया है. यही देश और इसकी अर्थव्यवस्था के लिए संकट बन गया है. उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार ने 45 साल की उच्चतम बेरोज़गारी दर के साथ भारत को बेरोज़गारी में ‘विश्वगुरु’ बना दिया है.
उत्तर प्रदेश पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि भर्ती के लिए आवेदन बंद करने के समय 50.14 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया था. सभी आवेदकों में से 15 लाख महिलाएं हैं, जिन्होंने 12,000 आरक्षित सीटों के लिए आवेदन किया है. पुरुष आवेदकों की संख्या 35 लाख है. एक पद के लिए लगभग 83 दावेदार हैं.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर 2023 तिमाही में 20 से 24 आयु वर्ग के लोगों में बेरोज़गारी दर जुलाई से सितंबर 2023 की पिछली तिमाही के 43.65 प्रतिशत से बढ़कर 44.49 प्रतिशत हो गई. वहीं, 25-29 आयु वर्ग के लिए यह 14.33 प्रतिशत रही, जबकि जुलाई-सितंबर तिमाही में यह 13.35 प्रतिशत थी.
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वीडियो: साल 2023 में आमदनी, बेरोज़गारी, ग़रीबी, महंगाई, जीडीपी, खेती-किसानी, एमएसपी पर मोदी सरकार की अर्थनीति क्या रही है? द वायर के अजय कुमार बता रहे हैं कि देश की सत्ता पर क़रीब 10 साल से क़ाबिज़ मोदी सरकार के तहत ज़्यादातर लोगों के जीवन में कोई बड़ा बुनियादी बदलाव नहीं आया है.
केंद्र के ख़िलाफ़ अभियान शुरू करेगा संयुक्त किसान मोर्चा, 26 जनवरी को 500 ज़िलों में होगी ट्रैक्टर परेड
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि देशभर के 20 राज्यों में इसकी राज्य इकाइयां 10-20 जनवरी तक घर-घर जाकर और पर्चा वितरण के माध्यम से ‘जन जागरण’ अभियान चलाएंगी. इसका उद्देश्य केंद्र सरकार की ‘कॉरपोरेट समर्थक आर्थिक नीतियों को उजागर करना’ है.
अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ बातचीत के दौरान पिछले 10 वर्षों में आर्थिक विकास के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पूछे जाने वाला सवाल यह है कि उस विकास की प्रकृति क्या है और उससे किसे लाभ हो रहा है. भारत बढ़ रहा है, लेकिन वह बड़े पैमाने पर बहुत कम लोगों की ओर धन केंद्रित कर रहा है.