भाजपा की सरकार ने उच्च शिक्षा पर उच्चतम पैसे बचाए हैं. हमारा युवा ख़ुद ही प्रोफेसर है. वो तो बड़े-बड़े को पढ़ा देता है जी, उसे कौन पढ़ाएगा. मध्य प्रदेश का पौने छह लाख युवा कॉलेजों में बिना प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक के ही पढ़ रहा है. हमारा युवा देश मांगता है, कॉलेज और कॉलेज में टीचर नहीं मांगता है.
अनिल अंबानी समूह पर 45,000 करोड़ रुपये का कर्जा है. अगर आप किसान होते और पांच लाख का कर्जा होता तो सिस्टम आपको फांसी का फंदा पकड़ा देता. अनिल अंबानी राष्ट्रीय धरोहर हैं. ये लोग हमारी जीडीपी के ध्वजवाहक हैं. भारत की उद्यमिता की प्राणवायु हैं.
इस दौर की ख़ूबसूरत सच्चाई यह है कि बेरोज़गार रोज़गार नहीं मांग रहा है. वो इतिहास का हिसाब कर रहा है. उसे नौकरी नहीं, झूठा इतिहास चाहिए!
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि पिछड़ापन राजनीतिक हित बनता जा रहा है. हर कोई कहता है कि मैं पिछड़ा हुआ हूं. बिहार और उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण मजबूत स्थिति में हैं. राजनीति में इनका वर्चस्व है. लेकिन ये कहते हैं कि ये पिछड़े हुए हैं.
भारतीय युवा परमानेंट रोज़गार की तैयारी में जवानी के पांच-पांच साल हवन कर रहे हैं. उनसे यह बात क्यों नहीं कही जा रही है कि रोज़गार का चेहरा बदल गया है. अब अस्थायी काम ही रोज़गार का नया चेहरा होगा.
जन गण मन की बात की 276वीं कड़ी में विनोद दुआ लिंचिंग से निपटने के लिए क़ानून लाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश और असल मुद्दों से भाजपा के कन्नी काटने पर चर्चा कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘नई अर्थव्यवस्था में पैदा होने वाली नौकरियों के हिसाब से नौकरियों को गिनने का हमारा तरीका पुराना है.’
पलायन आयोग की रिपोर्ट से मालूम पड़ता है कि चीन और नेपाल से सटे उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों से भारी पलायन ने हिमालयी राज्य की अवधारणा को ध्वस्त कर दिया.
वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक राज्य में भुतहा गांवों यानी वीरान हो चुके गांवों की संख्या 968 थी, जो अब बढ़कर 1668 हो गई है.
जन गण मन की बात की 235वीं कड़ी में विनोद दुआ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थकों और रोज़गार संबंधी झूठे दावों पर चर्चा कर रहे हैं.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि देश में बेरोज़गारी बड़ी समस्या है. हर सरकारी विभाग में पद खाली हैं. करीब एक लाख ऐसे स्कूल हैं जिनमें एक शिक्षक है. ऐसे हर स्कूल में चार-चार शिक्षकों की नियुक्ति चार लाख लोगों को नौकरी देगी.
जन गण मन की बात की 231वीं कड़ी में विनोद दुआ देश में बेरोज़गारी और सांप्रदायिकता पर चर्चा कर रहे हैं.
विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में हर महीने 13 लाख लोग कामकाज करने की उम्र में प्रवेश करते हैं. आंकड़ों के अनुसार, भारत की रोज़गार दर लगातार गिर रही है.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि हम बेरोज़गारी से परेशान हैं. संभवत: यह बेरोज़गारी नहीं बल्कि अल्प रोज़गार या असंतोषजनक रोज़गार का मामला है.’
बेरोज़गारी पर गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि राज्य का युवा कड़ी मेहनत से भागता है. क्लर्क की सरकारी नौकरी के लिए दावेदारों की लंबी कतार है. उन्हें लगता है कि सरकारी नौकरी मतलब कोई काम नहीं करना है.