हिंदुत्ववादी संगठन का कहना है कि इन किताबों से विदेशी पर्यटकों की नज़रों में भारत की संस्कृति और परंपरा की ग़लत छवि बन रही है.
हिंदुत्ववादी संगठन का कहना है कि इन किताबों से विदेशी पर्यटकों की नज़रों में भारत की संस्कृति और परंपरा की ग़लत छवि बन रही है.