विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और यूनिसेफ की एक रिपोर्ट बताती है कि कोविड महामारी के बाद लगभग सभी टीकों के मामले में भारत ने वर्ष 2022 में अपनी टीकाकरण दरों में सुधार किया था, लेकिन 2023 में परिणाम उलट गए. भारत उन देशों में शुमार है जहां शून्य ख़ुराक पाने वाले बच्चों की संख्या सबसे अधिक है.
रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान विश्व में आंतरिक रूप से हुए नये विस्थापनों की यह सबसे बड़ी संख्या थी. साल 2019 में दुनिया भर में कुल 3.3 करोड़ नये विस्थापन हुए जिसमें से 1.2 करोड़ विस्थापनों में बच्चे शामिल हैं.
यूनीसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 में पूरे विश्व में निमोनिया से पांच वर्ष से कम उम्र के आठ लाख से अधिक बच्चों की मौत हुई. इस सूची में नाईजीरिया पहले, भारत दूसरे और पाकिस्तान तीसरे स्थान पर है.