बीते 13 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक में दावा किया कि उनके शासनकाल में एम्स जैसी संस्थाओं की संख्या पहले के मुकाबले तीन गुना बढ़ी है. हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय के डेटा के अनुसार, 2014 में उनकी सरकार आने के बाद से विभिन्न राज्यों में शुरू हुए एम्स में से एक भी पूरी तरह काम नहीं कर रहा है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में बताया कि देश में 3,500 लाइसेंस प्राप्त ब्लड बैंक हैं और 63 ज़िलों में एक भी ब्लड बैंक नहीं है. उन्होंने कहा कि अनेक प्रशासनिक कारणों से राज्य सरकारें समय-समय पर नए ज़िले बनाती हैं. हालांकि ऐसे ज़िलों की रक्त संबंधी ज़रूरतों को पास के ज़िलों की ब्लड बैंक से पूरा किया जाता है.