राम मंदिर निर्माण आरंभ होने के वक़्त से ही भूमि सौदों में भ्रष्टाचार को लेकर अयोध्या सुर्ख़ियों में आती रही है, हालांकि इस शहर में धर्म के नाम पर ज़मीन के सौदों में भ्रष्टाचार या लूट की जड़ें बहुत पुरानी हैं.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, महिलाओं ने आरोप लगाया है कि शाहजहांपुर में मौजमपुर के आसपास बाढ़ प्रभावित गांवों से निकलने में मदद की पेशकश करने के बाद कुछ लोगों ने उनके साथ छेड़छाड़ की.
बीते 04 जुलाई को यूपी के शामली में कबाड़ बेचने वाले फ़िरोज़ की कथित मारपीट के बाद मौत हो गई थी, जिसे कुछ पत्रकारों ने लिंचिंग बताया था. पुलिस ने घटना को लेकर ग़ैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने के साथ ही दो पत्रकारों समेत पांच लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की है.
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में 18 जून की रात को स्थानीय लोगों की भीड़ ने एक मुस्लिम शख़्स को चोरी के संदेह में पीटा था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. अब पुलिस ने मृतक के ख़िलाफ़ डकैती और एक महिला पर हमले के आरोप में एफआईआर दर्ज की है.
फ़ैज़ाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा की हार के बाद अयोध्यावासियों के आर्थिक बहिष्कार के आह्वान से लेकर वर्तमान सांसद की मृत्युकामना तक जिस तरह अभिव्यक्ति की सीमाएं लांघी जा रही हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ. शायद इसलिए कि हिंदुत्ववादियों के स्वार्थों को इतनी गहरी चोट लगी है कि समझ नहीं पा रहे कि करें तो क्या करें?
साक्षात्कार: अमेठी लोकसभा सीट कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण रही है, जहां से इस बार पार्टी ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के ख़िलाफ़ स्थानीय नेता किशोरी लाल शर्मा को अप्रत्याशित उम्मीदवार के तौर पर उतारा था. शर्मा कहते हैं कि चुनाव जनता ने लड़ा था और जीत पार्टी की नहीं जनता की हुई है.
सामाजिक अन्याय झेलते आ रहे कई वंचित तबके सपा-कांग्रेस एकता की बिना पर आए लोकसभा चुनाव के नतीजों को ‘मंडल-2’ की संज्ञा दे रहे और भविष्य को लेकर बहुत आशावान हैं. हालांकि, इस एकता की संभावनाओं और सीमाओं की गंभीर व वस्तुनिष्ठ पड़ताल की ज़रूरत है.
जहां भाजपा सपा (और कांग्रेस) द्वारा उत्तर प्रदेश में उसे दी गई गहरी चोट को ठीक से सहला तक नहीं पा रही, उसके शुभचिंतक बुद्धिजीवी और विश्लेषक ‘मुद्दई सुस्त, गवाह चुस्त’ की तर्ज पर इस चोट को साधारण क़रार देने के लिए एक के बाद एक कुतर्क गढ़ रहे हैं.
एक्जिट पोल में एक तात्कालिकता होती है, मसलन आपने किसे वोट दिया? क्यों वोट दिया? आप किस बिरादरी के हैं? यह सवाल धीमी गति से हो रहे परिवर्तनों को नहीं देख पाते हैं. उत्तर प्रदेश में हो रहे परिवर्तन ने प्रधानमंत्री मोदी के ‘400 पार’ के नारे की हवा निकाल दी.
ऐसा कई चुनावों के बाद दिखाई दे रहा है कि विपक्षी गठबंधन के मुद्दे आम लोगों तक पहुंचे हैं और उनका असर भी पड़ रहा है.
गोरखपुर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह-नगर है. इस ज़िले से महज़ 31 किलोमीटर दूर मगहर में स्थित गांधी आश्रम और कताई मिल जर्जर हालत में हैं. गांधी आश्रम पर श्रमिकों-कर्मचारियों के वेतन, पीएफ, ग्रैच्युटी के साथ लगभग 22 करोड़ रुपये की देनदारी है.
सवर्णों ने इस विमर्श को केंद्र में ला दिया है कि ओबीसी और दलित हिंदुत्व के रथी हो गए हैं. यह विमर्श इस तथ्य को कमज़ोर करना चाहता है कि ऊंची जातियां हिंदुत्व का केंद्र हैं, उसे विचार और ताक़त देती हैं. आज भाजपा यदि अपने विस्तार के अंतिम बिंदु पर दिखाई देती है तो उसकी वजह यह है कि वह गैर-ब्राह्मण समूहों में अपेक्षित पकड़ नहीं बना पाई है.
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को असम, बिहार, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर की कुल 89 सीटों पर मतदान होना है. इस चरण में नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल के तीन मंत्रियों, दो पूर्व मुख्यमंत्रियों, दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटों सहित कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है.
जन्मदिन विशेष: मान्यवर कांशीराम के निकट राजसत्ता की चाभी बहुजन हितकारी सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों के बंद ताले खोलने का पूरी तरह अपरिहार्य साधन थी और वे मानते थे कि देश की सामाजिक व राजनीतिक व्यवस्थाओं में बहुजनों को अपरहैंड तभी मिल सकता है, जब यह चाभी उनके पास रहे. इसके इतर स्थिति में जिसके हाथ में यह चाभी रहेगी, उन्हें उसी की धुरी पर नाचते रहना होगा.
गोरखपुर ज़िले में नेशनल हाईवे 28 पर बाईपास निर्माण के लिए अधिग्रहीत भूमि का कम मुआवज़ा पाने से नाराज़ 26 गांवों के किसानों ने उचित मुआवज़ा न मिलने पर भाजपा को वोट न देने का नारा बुलंद करते हुए उनके गांव में 'भाजपा नेताओं का प्रवेश वर्जित' लिखे बैनर और पोस्टर लगाए हैं.