मई-जून में उत्तर भारत में पसरती भीषण गर्मी से चुनाव आयोग अनजान नहीं था, लेकिन उसने चुनाव को खींचकर इतना लंबा किया कि हज़ारों कार्मिकों की जान पर बन आई और उनके लिए यह चुनाव यातना शिविर में तब्दील हो गया.
लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के करीब एक चौथाई उम्मीदवार दूसरे दलों से आयात किए हुए थे. भाजपा की इस रणनीति से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई कार्यकर्ता नाराज़ थे.
राजधानियों में बैठे विश्लेषकों और वाचाल एंकरों के लिए गांव की भाषा व राजनीतिक मुहावरे पहले भी अबूझ रहे हैं और इस बार भी अबूझ रहे. वे न इन आवाजों को सुन पाए, न समझ पाए.
जहां भाजपा सपा (और कांग्रेस) द्वारा उत्तर प्रदेश में उसे दी गई गहरी चोट को ठीक से सहला तक नहीं पा रही, उसके शुभचिंतक बुद्धिजीवी और विश्लेषक ‘मुद्दई सुस्त, गवाह चुस्त’ की तर्ज पर इस चोट को साधारण क़रार देने के लिए एक के बाद एक कुतर्क गढ़ रहे हैं.
लोकसभा में बहुमत से बहुत दूर रही भाजपा के लिए तेलुगू देशम पार्टी का साथ महत्वपूर्ण है. एन. चंद्रबाबू नायडू भाजपा के साथ बातचीत के लिए पूरी तरह तैयार बताए जा रहे हैं और उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष पद के साथ वित्त, कृषि जैसे विभिन्न मंत्रालयों की भी मांग की है.
भाजपा को पूर्ण बहुमत न मिलना इस बात का संकेत है कि उसकी घृणा की राजनीति का वर्चस्व भारत में काफी कठिन है.
एक्जिट पोल में एक तात्कालिकता होती है, मसलन आपने किसे वोट दिया? क्यों वोट दिया? आप किस बिरादरी के हैं? यह सवाल धीमी गति से हो रहे परिवर्तनों को नहीं देख पाते हैं. उत्तर प्रदेश में हो रहे परिवर्तन ने प्रधानमंत्री मोदी के ‘400 पार’ के नारे की हवा निकाल दी.
उत्तर प्रदेश में कई केंद्रीय मंत्री भी अपनी सीट हार गए हैं, इनमें अजय मिश्रा, स्मृति ईरानी, कौशल किशोर, महेंद्र नाथ पांडेय और संजीव बालियान शामिल हैं.
उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में भाजपा की सरकार है, लेकिन तीनों ही राज्यों में विपक्षी 'इंडिया गठबंधन' ने कड़ी टक्कर दी है.
फतेहपुर से साध्वी निरंजन ज्योति भी पीछे चल रही हैं. वहीं, मुजफ़्फरनगर से संजीव बलियान भी पीछे हैं.
लोकसभा चुनाव 2024 के साथ-साथ ओडिशा और आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे भी मंगलवार को घोषित किए जाएंगे.
केंद्र सरकार के डेटा के अनुसार, मार्च से मई तक पूरे देश में हीटस्ट्रोक से कम से कम 56 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें से 46 मौतें अकेले मई में हुई हैं.
शुक्रवार को भारत में गर्मी से संबंधित कम से कम 40 संभावित मौतें हुई हैं, जिनमें से 25 उत्तर प्रदेश और बिहार में लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के लिए तैनात मतदान कर्मी हैं.
कुशीनगर संसदीय क्षेत्र काफ़ी समय से भाजपा का मज़बूत गढ़ है, जहां सफलता की चाह में सपा ने इस बार अजय सिंह उर्फ पिंटू सैंथवार को उतारा है. हालांकि, सपा को भाजपा की तरफ से दोबारा उतारे गए विजय दुबे से ज़्यादा चुनौती स्वामी प्रसाद मौर्य से मिल सकती है, जो इस बार अपने बूते अपनी नई पार्टी को खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं.
मध्य, पूर्वी और उत्तरी भारत में भीषण गर्मी के कारण कम से कम 54 लोगों की मौत हो गई, बिहार में सबसे अधिक32 लोगों की जान गई. शोधकर्ताओं का कहना है कि मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन ने भारत में विनाशकारी गर्मी के प्रभाव को बढ़ाया है और इसे एक चेतावनी के रूप में लिया जाना चाहिए.