दलितों के ख़िलाफ़ हुई हिंसा पर उचित कार्रवाई के लिए हो रहा प्रदर्शन हुआ हिंसक. तोड़फोड़, पथराव और गोलीबारी के अलावा भीड़ ने फूंक दिया थाना.
ग्राउंड रिपोर्ट: बुलंदशहर में पिछले दिनों ग़ुलाम अहमद नाम के शख़्स को पीट-पीटकर मार डाला गया. उनके बेटे वकील अहमद के अनुसार, प्रेमी युगल के भागने में उनके पिता का कोई हाथ नहीं था.
बिलकिस बानो को इंसाफ मिल पाया क्योंकि शेष भारत और देश की अन्य संस्थाओं में अभी अराजकता की वह स्थिति नहीं है, जिसे नरेंद्र मोदी ने अपने गृह राज्य गुजरात में प्रश्रय दिया था. पर अब धीरे-धीरे यह अराजकता प्रादेशिक सीमाओं को तोड़कर राष्ट्रीय होती जा रही है.
ठाकुर बनाम दलित के झगड़े में जमकर उपद्रव हुआ. 15 दिन के भीतर जुलूस को लेकर उपद्रव की यह दूसरी घटना है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, जिस तरह से जानकार न्यायाधीश ने अपराध की गंभीरता की अनदेखी कर ज़मानत देने में जल्दबाज़ी दिखाई, उससे उनकी मंशा पर संदेह होता है.
सड़क नहीं बल्कि अपने ही घर की चारदीवारी के भीतर होने वाली हिंसा महिलाओं की शारीरिक तथा मानसिक असुरक्षा और टूटन की सबसे बड़ी वजह है.
शीर्ष अदालत ने कहा कि ठीक होने के बावजूद लोगों को उनके परिवार वाले घर नहीं ले जाते ऐसे में सरकार को उनकी उचित देख-रेख की व्यवस्था करनी चाहिए.
विशेष: उत्तर प्रदेश के बस्ती से सूरीनाम गए एक परिवार से ताल्लुक रखने वाले राजमोहन ने अपने पुरखे गिरमिटिया मज़दूरों जीवन-गाथा को संगीत में ढाला है.
'मेरे भाई ने अस्पताल के दरवाज़े पर दम तोड़ दिया क्योंकि बिस्तर नहीं था. ये लोकतंत्र नहीं मुर्दातंत्र है, जिसमें लैपटॉप मिलता है, दंगा मिलता है, इंटरनेट मिलता है पर इलाज नहीं मिलता!'
उत्तर प्रदेश समेत अलग-अलग राज्यों में अवैध बूचड़खानों के ख़िलाफ़ मुहिम शुरू किए जाने के बीच आरटीआई से पता चला है कि देश में केवल 1,707 बूचड़खाने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत पंजीकृत हैं.
पूरे उत्तर प्रदेश में तथाकथित ‘अवैध बूचड़खाने’ वास्तव में सार्वजनिक म्युनिसिपल बूचड़चाने हैं, जो भीषण उपेक्षा के कारण बदहाली का शिकार हैं.
दंगा संबंधी मामलों की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए फर्ज़ी लेकिन भड़काऊ वीडियो के मामले में भाजपा विधायक संगीत सोम को क्लीन चिट दे दी है.
स्वास्थ्य राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने एक सवाल के जवाब में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे पर आधारित आंकड़ों की जानकारी राज्यसभा में दी.
‘सर कलम कर दूंगा. हाथ काट दूंगा. पैर तोड़ दूंगा. फांसी पर लटका दूंगा. फांसी चढ़ जाऊंगी. गाय मत खाओ. मंदिर बनकर रहेगा. मंदिर के लिए जान दे देंगे. मंदिर के लिए जान ले लेंगे. वंदे मातरम गाओ. भारत माता की जय बोलो वरना पाकिस्तान चले जाओ. किसान को गोरक्षकों ने पीटा तो अच्छा किया. सिर काट लाओ, एक करोड़ देंगे.’
उत्तर प्रदेश में भाजपा की बड़ी जीत के बाद से सपा-बसपा गठबंधन की चर्चा लगातार चल रही है, लेकिन जानिए वो दस वजहें जो बताती हैं क्यों उत्तर प्रदेश बिहार नहीं बन सकता है.