उत्तर प्रदेश की पूर्व अखिलेश सरकार की ओर से किसानों को जारी 1700 करोड़ रुपये की राहत राशि में से किसानों को सिर्फ़ 480 करोड़ रुपये ही बांटे जा सके.
‘द वायर’ के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टाराई से नेपाल के हालिया राजनीतिक घटनाक्रम और भारत-नेपाल संबंधों पर बातचीत की...
लखनऊ के पास हुए इस दर्दनाक हादसे में पीड़ित महिला के साथ पहले तीन बार बलात्कार हुआ है और तीन बार तेज़ाब फेंका जा चुका है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किसानों का कर्ज़ माफ़ करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा धन देने की बात से इनकार किया है.
हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक से उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने तक का सफर.
जम्मू कश्मीर में पिछले 15 वर्षों के दौरान तकरीबन तीन लाख 70 हजार हथियारों के लाइसेंस बांटे गए. जनसंख्या घनत्व के लिहाज़ से ये आंकड़ा देश में सबसे ज़्यादा है.
प्रेम समाज की सीमाओं को तोड़ता है, एक स्तर पर समानता भी लाता है. समाज और पितृसत्ता के ठेकेदार तो इसके ख़िलाफ़ रहेंगे ही, क्योंकि प्रेम के कारण न सिर्फ़ स्त्रियों, बल्कि युवा पुरुष वर्ग पर भी प्रभुत्व ख़त्म हो जाएगा, इसलिए उनके लिए वो अस्वीकार्य है.
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद से द वायर के कार्यकारी संपादक बृजेश सिंह की बातचीत.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने यूपी में पशु वधशालाएं बंद करने के चुनावी वादे पर बढ़ाया क़दम. पुलिस अफसरों को कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिया.
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा इस मामले पर जल्दी फैसला देने की मांग के जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने इसे अदालत से बाहर सुलझाने की सलाह दी है.
सुप्रीम कोर्ट के नोटिस पर अपना पक्ष रखते हुए भारत निर्वाचन आयोग ने आपराधिक छवि वाले नेताओं के चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध का समर्थन किया है.
एक स्पष्ट और निर्णायक हिंदुत्व को आर्थिक विकास की व्यापक परियोजना का अभिन्न अंग बना दिया गया है. आने वाले समय में इसके कई और आयाम हमारे सामने धीरे-धीरे प्रकट होंगे.
सामाजिक न्याय के इच्छुक जाति समूहों का एक बड़ा मध्यवर्ग तैयार है, जो सामूहिक रूप से निर्णायक स्थिति में है. ज़रूरत है इनके नेतृत्व और सहयोग से सामाजिक न्याय को दूसरे चरण तक ले जाने की, वरना राजनीति का दूसरा पक्ष पहले से ही तैयार है.
विधानसभा चुनावों से ठीक पहले बसपा में शामिल हुए शमी इससे पहले सपा और कांग्रेस में भी रह चुके थे. उन्होंने राजा भैया के भी खिलाफ चुनाव लड़ा था.
एक गैर सरकारी संगठन ने अपने सर्वेक्षण में दावा किया है कि इस बार उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में नोट के बदले वोट लेेने के लिए उम्मीदवारों ने तकरीबन एक हज़ार करोड़ रुपये खर्च किए.