एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम, 2022 को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड पुलिस ने निर्णय लिया है कि वह 2018 में क़ानून के लागू होने से अब तक हुए अंतरधार्मिक विवाहों की जांच करके पता लगाएगी कि कहीं कोई उल्लंघन तो नहीं हुआ.
उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता क़ानून 2018 लागू होने के बाद से राज्य में तथातकथित धर्म परिवर्तन का यह पहला मामला है. मामला तब सामने आया जब मुस्लिम युवक ने हाईकोर्ट में सुरक्षा की गुहार लगाई थी. मुस्लिम महिला द्वारा धर्म परिवर्तन कर विवाह करने के एक अन्य मामले में हाईकोर्ट ने पति-पत्नी को सुरक्षा देने का पुलिस को निर्देश दिया है.