आज़ादी की सालगिरह कोई तमाशा नहीं, उससे फिर से इक़रार करने का दिन है

'आज़ादी की लड़ाई हमेशा जारी रहती है. कभी उसका अंत नहीं होता. हमेशा उसके लिए परिश्रम करना पड़ता है, हमेशा उसके लिए क़ुर्बानी करनी पड़ती है, तब वह क़ायम रहती है.'