इस साल 15 मई को वाराणसी में राज्य सेतु निगम द्वारा बनाए जा रहे चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर का एक हिस्सा अचानक गिर जाने से 18 व्यक्तियों की मौत हो गई थी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर आम लोगों के लाभ के लिए है और विकास परियोजनाओं को इस तरह से रोका नहीं जा सकता है.
जन गण मन की बात की 255वीं कड़ी में विनोद दुआ बढ़ते एनपीए और वाराणसी को लेकर दिए गए केंद्रीय मंत्री केजे अल्फोंस के बयान पर चर्चा कर रहे हैं.
एक अध्ययन के अनुसार कानपुर में प्रदूषण के चलते सालाना करीब 4 हज़ार से अधिक मौतें हो जाती हैं. वहीं लखनऊ में हर दिन औसतन 11 लोग प्रदूषण के चलते जान गंवा रहे हैं.
पुलिस ने ब्रिज कॉरपोरेशन के अधिकारियों के खिलाफ 19 फरवरी को एक एफआईआर भी दर्ज करते हुए कहा था कि ब्रिज का निर्माण कार्य अव्यवस्थित है. एक आयरन बीम नीचे जा रहे ट्रेफिक के ठीक ऊपर लटक रहा है.
'आई नेक्स्ट' अख़बार ने वाराणसी के फ्लाईओवर हादसे के लिए सूर्य, मंगल और शनि ग्रह के त्रिकोण को ज़िम्मेदार बताते हुए लिखा कि इन ग्रहों के कारण आगे ऐसी और भी घटनाएं होने की आशंका है.
उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त ने कहा कि मलबे के नीचे कई अन्य लोगों के दबे होने की आशंका, इसलिए मारे गए लोगों की संख्या बढ़ सकती है.
बनारस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी परियोजना काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के निर्माण के लिए तकरीबन 300 मकानों का अधिग्रहण होना है, जिससे 600 परिवारों पर विस्थापन का ख़तरा पैदा हो गया है.
जन गण मन की बात की 240वीं कड़ी में विनोद दुआ नमामि गंगे योजना के फंड के इस्तेमाल और कश्मीरी पंडितों के प्रति भाजपा के रवैये पर चर्चा कर रहे हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में 20 सबसे प्रदूषित शहरों में अकेले भारत के 15 शहर शामिल हैं. उत्तर प्रदेश से कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, लखनऊ, आगरा और फिरोज़ाबाद को शामिल किया गया है.
पुण्यतिथि विशेष: उस्ताद ऐसे बनारसी थे जो गंगा में वज़ू करके नमाज़ पढ़ते थे और सरस्वती को याद कर शहनाई की तान छेड़ते थे. इस्लाम में संगीत के हराम होने के सवाल पर हंसकर कहते थे, 'क्या हुआ इस्लाम में संगीत की मनाही है, क़ुरान की शुरुआत तो 'बिस्मिल्लाह' से ही होती है.'
सरोजिनी नायडू ने मदन मोहन मालवीय को ‘रुढ़िवादी-प्रगतिशील नेता’ कहा था. संघ परिवार ने अपने एजेंडा के लिए उनके रुढ़िवादी पहलू का तो इस्तेमाल किया, लेकिन उनके प्रगतिशील दृष्टिकोण को पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर दिया.
ग्राउंड रिपोर्ट: मीडिया द्वारा बनारस की मूल समस्याओं से ध्यान हटाकर उसे लंका से काशी विश्वनाथ और बीएचयू पर केंद्रित कर दिया गया. इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष या विपक्ष में कर दिया गया. यह न तो जनतंत्र के लिए ठीक बात है और न ही पत्रकारिता के लिए.
अब चुनाव सिर्फ़ जनता के बीच नहीं लड़े जाते, सभी पार्टियों के सोशल मीडिया वार रूम अब ट्विटर और फेेसबुक पर भी चुनाव लड़ते हैं. इसी कड़ी में रविवार शाम से रातभर ट्विटर पर ट्रेंड करता रहा #मोदी_की_हवा_टाइट_है.
ग्राउंड रिपोर्ट: होली के पहले बनारस में चुनाव का रंग चढ़ा हुआ है और यहां का माहौल देखकर लगता है कि इस बार की होली कुछ ज़्यादा ही लाजवाब होने वाली है.