एनडीए सरकार द्वारा दिसंबर 2014 में पर्यावरण क़ानून में इस तरह के बदलाव किए गए, जिससे वेदांता के तूतीकोरिन प्रोजेक्ट जैसे कुछ विशेष प्लांट को इससे प्रभावित होने वाले लोगों के राय-मशविरे के बिना बनाने की मंज़ूरी मिली.
वेदांता की छवि हमेशा से ही पर्यावरण और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाली कंपनी की रही है. दिलचस्प ये है कि कंपनी नरेंद्र मोदी सरकार के 'विकास एजेंडा' के झंडाबरदारों में से एक है.
जन गण मन की बात की 247वीं कड़ी में विनोद दुआ तूतीकोरिन में वेंदाता समूह के ख़िलाफ़ प्रदर्शन में लोगों की मौत और लोकसभा में भाजपा के संख्या बल में आई कमी पर चर्चा कर रहे हैं.